दीनबंधु/धर्मेंद्र गुप्ता
चतरा : चतरा जिले की कुंदा पंचायत के गांव टिकैतबांध में गंझू टोला निवासी एतु गंझू (55) तीन महीने से गंभीर रूप से बीमार है. वह चारपाई पर लेटे-लेटे रोज भगवान से मौत की दुआ मांगता है. गरीबी इतनी है कि वह इलाज भी नहीं करा पा रहा है. हां! एक झोलाछाप डॉक्टर कभी-कभार उसे कुछ दवाएं दे जाता है. इसी झोलाछाप डॉक्टर ने एतु को टीबी होने की बात उसकी पत्नी को बतायी है. पत्नी भी लाचार है, क्योंकि उसके पास अस्पताल तक जाने के लिए न तो पैसे हैं और न ही कोई साधन है. वह मजदूरी कर परिवार पाल रही है. एतु का 16 साल का बेटा है विनय. वह भी पिता की खराब स्थिति को देख चिंतित रहता है.
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि गांव की सहिया कभी-कभार ही बीमार लोगों का हालचाल लेने आती है. यही वजह है कि सहिया को एतु गंझू के बीमार होने की जानकारी नहीं है और न ही चिकित्सा पदाधिकारी तक इसकी खबर पहुंची है. टिकैतबांध से स्वास्थ्य केंद्र की दूरी चार किमी है. गांव तक सड़क नहीं रहने के कारण वाहनों का आना-जाना भी नहीं होता है. ऐसे में लोग पैदल चलकर ही प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं.
सात लोगों की टीबी से हो चुकी है मौत
पिछले दो वर्ष में कुंदा प्रखंड के सात लोगों की मौत टीबी से हो चुकी है. इसमें मांझीपाडा गांव के रामस्वरूप भुइयां, जगतु भुइयां, रतन भुइयां, अरुण भुइयां, बैरियाचक के लक्ष्मण भुइयां, लेवाड गांव के बालदेव भुइयां व टिकैतबांध निवासी दीना गंझू शामिल हैं. इनमें से लक्ष्मण भुइयां की मौत 17 सितंबर को हुई है.
कोट
एतु गंझू के बीमार होने की जानकारी मुझे नहीं थी. अब जानकारी मिली है. उसके बेटे और पत्नी को प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए प्रेरित करूंगी.
मुन्नी देवी, सहिया, टिकैतबांध
कुंदा स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं रहते हैं. इससे इलाज में दिक्कत होती है. गरीब लोग शहरों में जाकर जांच और इलाज नहीं करा पाते हैं. -रेखा देवी, मुखिया, कुंदा पंचायत
एतु की स्थिति देखने से ऐसा नहीं लगता कि उसे टीबी हुआ है. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि मरीज किस रोग से पीड़ित है.
डॉ अरुणोदय कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी