चतरा : कर्नाटक से लाये गये मजदूरों के शव

सेसांग और रक्सी गांव में गमगीन हुआ माहौल, शव की हालत देखकर रो पड़े ग्रामीण चतरा : कर्नाटक से दोनों मजदूरों के शव शनिवार को सेसांग व रक्सी गांव लाये गये. सबसे पहले फ्लाइट से शव रांची लाये गये. इसके बाद एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया. एंबुलेंस के गांव पहुंचते परिजन दहाड़ मार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2020 7:12 AM

सेसांग और रक्सी गांव में गमगीन हुआ माहौल, शव की हालत देखकर रो पड़े ग्रामीण

चतरा : कर्नाटक से दोनों मजदूरों के शव शनिवार को सेसांग व रक्सी गांव लाये गये. सबसे पहले फ्लाइट से शव रांची लाये गये. इसके बाद एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया. एंबुलेंस के गांव पहुंचते परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. गांव में बच्चे, बूढ़े व जवान सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े. सेसांग गांव में जीवन गंझू के घर के पास शुक्रवार से ही लोगों की भीड़ जुटी थी. परिजनों व रिश्तेदारों ने पूरी रात जग कर बिताया.

ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे लोग आग ताप कर शव के आने का इंतजार करते रहे. शनिवार को दोपहर साढ़े 12 बजे शव एंबुलेंस से गांव पहुंचा. मृतक राजू भोगता की वृद्ध मां सुकुन देवी, पत्नी गीता देवी, पुत्री सम्फुल कुमारी, शिवानी कुमारी, साक्षी कुमारी व पुत्र सत्यम भोगता समेत सभी परिजन शव को देख कर रोने लगे. शव को बाहर निकाल कर उपस्थित लोगों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. राजू पांच जनवरी को काम करने रक्सी गांव के काशीनाथ के साथ कर्नाटक गया था. एक माह में ही उसकी मौत की खबर घरवालों को मिली.

पत्नी गीता शव से लिपट कर रोने लगी. मां रो-रोकर बेहोश हो रही थी. राजू का भाई विनोद अपनी मां को संभाल रहा था. पुत्री व पुत्र भी रो रहे थे. इधर, रक्सी गांव में काशीनाथ के घर के पास भी यही माहौल देखा गया. एंबुलेंस के गांव पहुंचते काशीनाथ की पत्नी, बच्चे व परिवार जोर-जोर से रोने लगे. शव को देखने के लिए काफी भीड़ पहले से ही जुटी हुई थी. दोनों शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने िकया.

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