नौकरी की आस में भविष्य अधर में

चतरा : वन विभाग में नौकरी की आस में कई लोगों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. विभाग में 1985 से 133 लोग दैनिक मजदूर के रूप में काम करते आ रहे हैं. उन्हें नौकरी नहीं मिलने के कारण अब मात्र 38 मजदूर ही बचे हैं. नौकरी के अभाव में कई मजदूर काम छोड़ चुके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:47 PM

चतरा : वन विभाग में नौकरी की आस में कई लोगों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. विभाग में 1985 से 133 लोग दैनिक मजदूर के रूप में काम करते आ रहे हैं. उन्हें नौकरी नहीं मिलने के कारण अब मात्र 38 मजदूर ही बचे हैं.

नौकरी के अभाव में कई मजदूर काम छोड़ चुके हैं, तो कई की मौत हो चुकी है. मजदूरों के कमी के कारण वन विभाग का कई कार्य प्रभावित है. इन मजदूरों की उम्र लगभग 50 के आसपास है.

राज्य बनने के बाद आस जगी

अलग झारखंड राज्य बनने के बाद मजदूरों को नौकरी की आस जगी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मजदूर सरयू उरांव, घनश्याम साव, साधु यादव, तुलसी साव, आदित्य साव, बहादुर उरांव व चुरामन यादव ने बताया कि नौकरी की आस में लगभग 28 वर्षो से दैनिक मजदूरी का कार्य कर रहे हैं. वे नौकरी नहीं मिलने से मायूस हैं.

कार्य हो रहा प्रभावित

मजदूरों की कमी के कारण वन विभाग के कई कार्य प्रभावित हैं. वृक्षारोपण, जंगल कटाई पर रोक, अवैध पत्थर खनन पर रोक, वन भूमि अतिक्रमण पर रोक समेत अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित है.

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