क्षेत्र में सक्रिय उग्रवादी संगठनों में आये दिन होती रहती है भिडंत
चतरा. क्षेत्र में सक्रिय उग्रवादी संगठनों में हमेशा खूनी टकराव होते रहता है़ इसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है़ वर्चस्व को लेकर उक्त संगठन के लोग भिड़ते रहते हैं़ माओवादी, जेपीसी व टीपीसी के बीच कई बार खूनी टकराव हुआ़ इसमें काफी संख्या में लोग मारे गये़ आठ माह पूर्व जेपीसी के […]
चतरा. क्षेत्र में सक्रिय उग्रवादी संगठनों में हमेशा खूनी टकराव होते रहता है़ इसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है़ वर्चस्व को लेकर उक्त संगठन के लोग भिड़ते रहते हैं़ माओवादी, जेपीसी व टीपीसी के बीच कई बार खूनी टकराव हुआ़ इसमें काफी संख्या में लोग मारे गये़ आठ माह पूर्व जेपीसी के जोनल कमांडर बादल व एक अन्य की हत्या कर दी गयी थी़ इसके पूर्व जेपीसी के ही दो सदस्यों की हत्या गंगापुर जंगल में की गयी थी़ वहीं लकड़मंदा में टीपीसी व माओवादी के बीच मुठभेड़ में 12 लोग मारे गये थे़ लावालौंग के बनवार गांव में टीपीसी-माओवादी के बीच हुई भिड़ंत में तीन-चार लोग मारे गये थे़ टीपीसी-जेपीसी में भी कई बार मुठभेड़ हुई़ इसमें दोनों संगठनों को नुकसान उठाना पड़ा़