दो वर्ष बाद माओवादियों ने लकड़मंदा घटना का बदला लिया

चतरा. भाकपा माओवादियों ने दो वर्ष बाद लकड़मंदा की घटना का बदला लिया. ज्ञात हो कि 27 मार्च 2013 को टीपीसी ने 10 माओवादियों की हत्या कर दी थी. माओवादियों ने इसका बदला बुधवार की रात टीपीसी समर्थक की हत्या कर लिया. इसके पूर्व 2012 में पुलिस ने लकड़मंदा में भाकपा माओवादी के री जोनल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2015 6:04 PM

चतरा. भाकपा माओवादियों ने दो वर्ष बाद लकड़मंदा की घटना का बदला लिया. ज्ञात हो कि 27 मार्च 2013 को टीपीसी ने 10 माओवादियों की हत्या कर दी थी. माओवादियों ने इसका बदला बुधवार की रात टीपीसी समर्थक की हत्या कर लिया. इसके पूर्व 2012 में पुलिस ने लकड़मंदा में भाकपा माओवादी के री जोनल कमांडर अजय उर्फ पारस को मुठभेड़ में मार गिराया था़ बुधवार को रवींद्र गंझू की हत्या कर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी़ घटना को अंजाम देने के बाद माओवादी बिहार की ओर निकल गये़ घटना से ग्रामीण दहशत में है़गांव में छाया सन्नाटा हत्या के बाद गांव में सन्नाटा छाया है. घटना के बारे में कोई भी कुछ बताने से डर रहा है़ लकड़मंदा गांव कुंदा थाना से 17 किमी दूरी पर स्थित है़ यह गांव एक दशक पूर्व माओवादियों का गढ़ था़ टीपीसी ने दो वर्ष पूर्व 10 माओवादियों को मुठभेड़ में मार कर वहां से माओवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया़

Next Article

Exit mobile version