अगरबत्ती बना स्वावलंबी बन रहीं महिलाएं
हंटरगंज : प्रखंड के बिहारी मुहल्ला, आबासी, कसाई व कुंजरा मुहल्ला में करीब दो सौ महिलाएं व बच्चे अगरबत्ती बना कर अपनी जीविका चला रहे हैं.घर का कामकाज निबटा कर महिलाएं अगरबत्ती बनाती है़ वहीं कई छात्र-छात्राएं इससे होने वाली आमदनी से टय़ूशन फीस भरते हैं और जरूरत के सामान खरीदते हैं. उक्त मुहल्ले की […]
हंटरगंज : प्रखंड के बिहारी मुहल्ला, आबासी, कसाई व कुंजरा मुहल्ला में करीब दो सौ महिलाएं व बच्चे अगरबत्ती बना कर अपनी जीविका चला रहे हैं.घर का कामकाज निबटा कर महिलाएं अगरबत्ती बनाती है़ वहीं कई छात्र-छात्राएं इससे होने वाली आमदनी से टय़ूशन फीस भरते हैं और जरूरत के सामान खरीदते हैं.
उक्त मुहल्ले की महिलाएं करीब दो वर्ष से अगरबत्ती बनाने का काम कर रहीं हैंमहिलाओं को हर रोज 100-150 रुपये की आमदनी हो जाती है.अगरबत्ती खरीदने गया व शेरघाटी के व्यापारी आते है़ं
क्या कहती हैं महिलाएं : नूरजहां बेगम ने बताया कि घर का काम-काज निबटाने के बाद अगरबत्ती बनाती हूं.इससे हर रोज 100-150 रुपये की आमदनी हो जाती है. अखारी बेगम ने कहा कि अगरबत्ती बनाने से जो आमदनी होती है, उससे आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करती हूं.
क्या कहते हैं छात्र-छात्राएं : छात्र साबो बानो ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ अगरबत्ती भी बनाती हूं इससे जो आमदनी होती है, उससे टय़ूशन फीस भरते हैं. साथ ही जरूरत के सामान खरीदते हैं. मो सद्दाम ने बताया कि पढ़ाई व रोजगार साथ-साथ करते हैं, ताकि आगे आर्थिक संकट से नहीं जूझना पड़े मदरसा में पढ़ाई करने के बाद घर पर आकर अगरबत्ती बनाने हैं.
25 रुपये किलो बनाते हैं अगरबत्ती : गया व शेरघाटी के व्यापारी अगरबत्ती बनाने की कच्चा सामग्री उपलब्ध कराते हैं उक्त मुहल्ले की महिलाएं 25 रुपये प्रति किलो अगरबत्ती बनाती हैं और व्यापारियों को उपलब्ध कराती हैं. हर सप्ताह व्यापारी अगरबत्ती खरीदने आते हैं.
डीसी से सरकारी सहायता की मांग : अख्तरी बेगम, आशिया परवीन व मो मिसाबाहुल ने उपायुक्त से सरकारी सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि इस व्यापार को और बढ़ाया जा सके.