संगठन की वास्तविकता जानी, तो किया समर्पण
मुन्नू 27, संजय 15 वर्ष पहले शामिल हुए थे माओवादी संगठन में मुटर को 2005-06 में एरिया कमांडर व 2014 में उतरी जोन क्षेत्र के सब जोनल कमांडर बना, वहीं संजय 2008 में क्रांतिकारी किसान कमेटी का अध्यक्ष व 2015 में एरिया कमांडर बना चतरा : माओवादी सब जोनल कमांडर मुन्नू उर्फ मुटर 27 वर्ष […]
मुन्नू 27, संजय 15 वर्ष पहले शामिल हुए थे माओवादी संगठन में
मुटर को 2005-06 में एरिया कमांडर व 2014 में उतरी जोन क्षेत्र के सब जोनल कमांडर बना, वहीं संजय 2008 में क्रांतिकारी किसान कमेटी का अध्यक्ष व 2015 में एरिया कमांडर बना
चतरा : माओवादी सब जोनल कमांडर मुन्नू उर्फ मुटर 27 वर्ष व एरिया कमांडर संजय पासवान 15 वर्ष पूर्व माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. मुन्नू पूर्व जोनल कमांडर प्रयाग जी उर्फ चनारिक व संजय पासवान पूर्व एरिया कमांडर गणेशी गंझू के बहकावे में आकर संगठन में शामिल हुआ था.
दोनों माओवादी संगठन में रहकर कई घटनाओं का अंजाम दिया है. मुटर को 2005-06 में एरिया कमांडर व 2014 में उतरी जोन क्षेत्र के सब जोनल कमांडर बनाया गया. वह संगठन में रह कर माओवादी नेता व सब जोनल कमांडर अरविंद मुखिया के क्षेत्र में सक्रिय रहा. संजय को 2008 में क्रांतिकारी किसान कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद 2015 में एरिया कमांडर का जिम्मेवारी सौंपी गयी. वह घोरीघाट से पूरब, प्रतापपुर से पश्चिम तक उसका क्षेत्र था. सरेंडर करनेवाले माओवादियों ने पुलिस लाइन परिसर में एक-एक पौधा लगाया. आत्मसमर्पण करनेवाले माओवादियों के परिजन भी मौजूद थे.
पांच माओवादी कर चुके हैं आत्मसमर्पण: आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर अबतक पांच माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं. जिसमें महेशी यादव, शंकर यादव, नारो यादव, मुन्नू यादव, संजय पासवान शामिल है. तत्कालिन एसपी अनूप बिरथरे, सुरेंद्र झा व वर्तमान एसपी अंजनी कुमार झा के कार्यकाल में आत्मसमर्पण किया है.
मुटर के खिलाफ 14 मामलें दर्ज
मुटर पर 1991 में प्रतापपुर केवलिया निवासी मो अब्बास, 1993 में मो जहीर की हत्या, इजहार मिया के घर कुर्की, 2013 में नवादा, डुमरिया में पुलिस मुठभेड़ में शामिल, 2016 में गोरिया जंगल औरंगाबाद में पुलिस के साथ मुठभेड़ के अलावा प्रतापपुर थाना क्षेत्र के आठ अन्य मामलों में शामिल था. संजय पासवान पर प्रतापपुर में चार मामले दर्ज हैं. जिसमें कई आर्म्स एक्ट शामिल हैं.
संगठन के शीर्ष नेता करते हैं शोषण
आत्समर्पण करने रे बाद मुटर ने पुलिस को बताया कि माओवादी नेता गरीब व बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर संगठन में शामिल करते है. कई महीनों तक उनके परिवार से मिलने नहीं दिया जाता है और न ही उनके परिजनों को भरण पोषण के लिए पैसा दिया जाता है. गरीब ग्रामीण औरतों को न्याय दिलाने के नाम पर शोषण किया जाता है. संगठन के वास्तविकता जानने के बाद आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया.