चतरा बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा : ओझा

इटखोरी : बिजली क्षेत्र में चतरा अब आत्मनिर्भर बननेवाला है. चोरकारी पावर ग्रिड सब स्टेशन (220/132/33 केवीए) बन कर तैयार है. थोड़ा सा काम शेष रह गया है, जिसे तेजी से कराया जा रहा है. 31 मार्च तक वह भी पूरा हो जायेगा. झारखंड विद्युत संचरण के अधिकारी प्रतिदिन कार्य स्थल का निरीक्षण कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2016 7:40 AM
इटखोरी : बिजली क्षेत्र में चतरा अब आत्मनिर्भर बननेवाला है. चोरकारी पावर ग्रिड सब स्टेशन (220/132/33 केवीए) बन कर तैयार है. थोड़ा सा काम शेष रह गया है, जिसे तेजी से कराया जा रहा है. 31 मार्च तक वह भी पूरा हो जायेगा. झारखंड विद्युत संचरण के अधिकारी प्रतिदिन कार्य स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं. लेकिन चतरा जिला को नवनिर्मित पावर ग्रिड सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति नहीं हो सकेगा. ट्रांसमिशन लाइन का काम अब तक नहीं हुआ है.
प्रोजेक्ट मैनेजर रवि सिंह तथा अनिरुद्ध दुबे ने कहा कि लगभग दो साल में निर्माण पूरा हुआ है. यह कार्य फ्लोमोर लिमिटेड द्वारा कराया गया है. पावर ग्रिड सब स्टेशन से तब तक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं होगी. जब तक ट्रांसमिशन लाइन (220 वोल्ट) का काम पूरा नहीं होगा. यह काम मेघा इंजीनियरिंग को सौंपा गया है.
इसमें लातेहार से चोरकारी पावर ग्रिड को 220 वोल्ट बिजली उपलब्ध कराना है. ट्रांसमिशन लाइन उपलब्ध नहीं होने के कारण पावरग्रिड को चालू नहीं किया जा रहा है.
क्या होगा लाभ : पावर ग्रिड सब स्टेशन चालू होने से चतरा जिला के तीन लाख से अधिक घरों में बिजली पहुंचेगी. संभावित स्टील प्लांट को आवश्यकतानुसार बिजली मिल सकेगी. नया-नया उद्योग स्थापित होगा. पावर ग्रिड में 150 एमवीए के दो तथा 50 एमवीए के दो ट्रांसफारमर लगाया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी: फ्लोमोर लिमिटेड के उपाध्यक्ष एनके अोझा ने कहा कि ग्रिड को ऊर्जान्वित करने के लिए ट्रांसमिशन लाइन की जरूरत है. नये ट्रांसमिशन लाइन के लिए सरकार (बिजली संचरण बोर्ड) आदेश देगा तो हम तीन माह में पावर ग्रिड को चालू कर सकते हैं. अन्यथा मेघा कंपनी पर आश्रित है. चतरावासियों को इसके लिए और इंतजार करना पड़ सकता है. फिलहाल पावर ग्रिड के ट्रांसफारमर को चार्ज करने के लिए डीवीसी से 33 हजार वोल्ट लाइन का काम किया जा रहा है.

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