100 किमी की पदयात्रा कर पहुंचेंगे रांची

टंडवा : एनटीपीसी से मांगों को लेकर रैयतों ने लोक विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन शुरू कर दिया है. रैयतों का राजभवन पैदल मार्च मंगलवार से शुरू हो गया. सुबह दस बजे एनटीपीसी प्रभावित टंडवा, गाडिलौंग, दुंदवा, नयी पारम, राहम व कामता के रैयत देवी मंडप परिसर में जमा हुए. यहां से राज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2016 5:31 AM
टंडवा : एनटीपीसी से मांगों को लेकर रैयतों ने लोक विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन शुरू कर दिया है. रैयतों का राजभवन पैदल मार्च मंगलवार से शुरू हो गया. सुबह दस बजे एनटीपीसी प्रभावित टंडवा, गाडिलौंग, दुंदवा, नयी पारम, राहम व कामता के रैयत देवी मंडप परिसर में जमा हुए.
यहां से राज भवन, रांची के लिए पैदल रवाना हो गये.100 किलोमीटर की दूरी तय कर रैयत अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर राजभवन के समीप आमरण अनशन पर बैठेंगे. पैदल मार्च में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी. इसमें 85 वर्ष के बुजुर्ग भीखन कांदू व रहमनी खातून भी शामिल हैं. भीखन कांदू का कहना है कि एनटीपीसी ने किसानों की उपजाऊ जमीन का सही मुआवजा निर्धारित नहीं किया है.
संर्घष समिति के संयोजक संतोष नायक ने कहा कि हमारी मांगें उचित है. जबतक एनटीपीसी व सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. पदयात्रा में सुधीर सिन्हा, अजीत नायक, बबलू सोनी, कारू यादव, बासुदेव बसंत, सोहर पासवान, कांति देवी, मुनिया देवी, मीना देवी, जुगनी देवी, कौश्लया देवी सहित अन्य माैजूद थे.
क्या है रैयतों की मांगें
बड़कागांव की तर्ज पर 15 लाख से लेकर 20 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजे देने, प्रभावित क्षेत्रों में मुफ्त बिजली, विद्यालय की स्थापना करने, गैरमजरूआ जमीन में बने मकान का सत्यापन कर भुगतान करने, वंशावली के आधार पर एनयूटी की राशि देने व विभिन्न कंपनियों में काम करनेवालों को स्थायीकरण करने सहित अन्य मांगें शामिल हैं.

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