लाखों की पूंजी व मेहनत हो गयी बेकार

सिमरिया प्रखंड में पानी के अभाव में मर रही फसल सिमरिया : प्रखंड के इचाकखुर्द में पानी के अभाव में कई एकड़ में लगी गरमा फसलें सूख गयी हैं. इससे किसान काफी चिंतित हैं. किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. फसलें सूख जाने से किसानों की पूंजी के साथ-साथ मेहनत भी बेकार चली गयी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2016 7:52 AM
सिमरिया प्रखंड में पानी के अभाव में मर रही फसल
सिमरिया : प्रखंड के इचाकखुर्द में पानी के अभाव में कई एकड़ में लगी गरमा फसलें सूख गयी हैं. इससे किसान काफी चिंतित हैं. किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. फसलें सूख जाने से किसानों की पूंजी के साथ-साथ मेहनत भी बेकार चली गयी. नदी व नाला सूख जाने के कारण कई एकड़ भूमि बेकार है.
सिंचाई के लिए एक मात्र साधन नदी पहले ही सूख गयी है. यहां के किसान पूरी तरह से कृषि पर ही आश्रित हैं. इस गांव के करीब 35-40 किसान खेती कर अपनी जीविका चलाते हैं. वे लोग खेती से ही अपने बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कार्य करते हैं. फसल मारे जाने के बाद कई किसान पलायन कर गये हैं.
काैन-काैन सी लगायी गयी थी फसलें
यहां के किसानों ने करैला, भिंडी, कद्दू, केला, मिर्च, प्याज, खीरा, ककड़ी व तरबूज की खेती की थी. तेज धूप के कारण सभी फसलें झुलस गयी हैं. कुआं का जलस्तर सूख जाने से सिंचाई भी नहीं हो रही है.
क्या कहते हैं किसान
किसान गणेश दांगी ने बताया कि बैंक से केसीसी के तहत ऋण लेकर करीब दो एकड़ में मिर्च की खेती थी. गरमी के कारण मिर्च की फसल झुलस गयी है. इससे 60-70 हजार रुपये का नुकसान हुआ है.
गांव के ही मोती दांगी, नरेश दांगी व अशोक दांगी ने भी बैंक से ऋण लेकर कई फसलें लगायी थी. सिंचाई के अभाव में सभी फसलें मर गयी हैं. गांव के किसानों ने बताया कि करीब पांच से दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इसके कारण किसानों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. किसानों ने सरकार से मुआवजा दिलाने की मांग की है.

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