पांच तालाबों का एकरारनामा रद्द

योजनाओं के चयन में अनियमितता का आरोप जिप उपाध्यक्ष ने कृषि मंत्री व मनोनीत विधायक की अनुशंसा को भी रद्द करने की मांग की चतरा.भूमि संरक्षण विभाग में सांसद द्वारा अनुशंसित पांच तालाबों का जीर्णोद्धार रद्द कर दिया गया है. इसके पूर्व जिप उपाध्यक्ष की चार अनुशंसा को रद्द कर दिया गया था. सांसद व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2016 8:12 AM
योजनाओं के चयन में अनियमितता का आरोप
जिप उपाध्यक्ष ने कृषि मंत्री व मनोनीत विधायक की अनुशंसा को भी रद्द करने की मांग की
चतरा.भूमि संरक्षण विभाग में सांसद द्वारा अनुशंसित पांच तालाबों का जीर्णोद्धार रद्द कर दिया गया है. इसके पूर्व जिप उपाध्यक्ष की चार अनुशंसा को रद्द कर दिया गया था. सांसद व जिप उपाध्यक्ष ने राज्यादेश के विरुद्ध तालाबों के जीर्णोद्धार की अनुशंसा की थी. राज्यादेश के अनुसार, स्थानीय विधायक द्वारा ग्राम सभा व योजना बनाओ अभियान के तहत चयनित योजनाओं की प्राथमिकता निर्धारित करनी है.
इसके बावजूद उक्त जनप्रतिधियों के अलावा कृषि मंत्री व मनोनीत विधायक की अनुशंसा की स्वीकृति दी गयी. उपायुक्त ने उक्त जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर 70 तालाबों की स्वीकृति दी थी. इसमें सांसद के पांच, जिप उपाध्यक्ष के चार, कृषि मंत्री के तीन व मनोनीत विधायक की दो अनुशंसा के अलावा चतरा व सिमरिया विधायक के 56 तालाबों की अनुशंसा की स्वीकृति दी गयी है.
सिमरिया के लुतीडीह बड़का आहर, इटखोरी भद्रकाली मंदिर कोटेश्वर नाथ के पीछे उत्तर तरफ तालाब, चतरा के भोज्या बड़का आहर, कान्हाचट्टी के लडिया धोबी आहर व कुंदा बौधाडीह के कांशीलौंग के आहर का जीर्णोद्धार रद्द किया गया है. जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सांसद ने अनुशंसा वापस ले ली है.
जिप उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने बताया कि तीन तालाब की अनुशंसा की थी, जबकि विभाग द्वारा मेरे नाम पर एक और तालाब की अनुशंसा बतायी जा रही है. यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने क्षेत्र के तीन तालाबों की अनुशंसा की थी. उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायकों की अनुशंसा पर कार्य होना है, तो कृषि मंत्री व मनोनीत विधायक की भी अनुशंसा को रद्द किया जाये. सूत्रों का कहना है कि चतरा विधायक ने पहले की अनुशंसा सूची को रद्द करते हुए नयी अनुशंसा सूची भूमि संरक्षण विभाग को सौंपी थी.
लेकिन विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारियों ने विधायक की अनुशंसा को नजरअंदाज कर दिया. सूत्रों का कहना है कि एकरारनामा में राशि ली जा रही थी. हालांकि जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी शिवपूजन राम ने इससे इनकार किया है.

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