अधिकार लेने के लिए एकजुट हों
नौ सूत्री मांगों को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने दिया धरना, कहा चतरा : जिले के पंचायत प्रतिनिधियों ने नौ सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को जिप अध्यक्ष ममता देवी के नेतृत्व में समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. धरना के बाद उपायुक्त के नाम मांग पत्र सौंपा. मौके पर जिप अध्यक्ष ने कहा कि पंचायत चुनाव […]
नौ सूत्री मांगों को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने दिया धरना, कहा
चतरा : जिले के पंचायत प्रतिनिधियों ने नौ सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को जिप अध्यक्ष ममता देवी के नेतृत्व में समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. धरना के बाद उपायुक्त के नाम मांग पत्र सौंपा.
मौके पर जिप अध्यक्ष ने कहा कि पंचायत चुनाव हुए पांच माह बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा फंड उपलब्ध नहीं कराया गया है. झारखंड सरकार प्रतिनिधियों के साथ छलावा कर रही है. जबकि राज्यपाल के आदेश के बाद भी 14 विभागों का हस्तांतरण पंचायत को नहीं किया गया. सरकार राज्यपाल के आदेश का भी अवहेलना कर रही है.
उन्होंने राज्यपाल से अधिसूचना का अनुश्रवण कराने की मांग की है. जिप उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने कहा कि अधिकार नहीं मिलने से क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोग कई समस्याएं बताते हैं, लेकिन उसे दूर नहीं कर पा रहे हैं. इस दौरान लोगों का गुस्सा का कोपभाजन बनना पड़ रहा है.
धरना को जिप सदस्य, प्रमुख, मुखिया, उपमुखिया, पंसस व वार्ड सदस्यों ने भी संबोधित करते हुए कहा कि अधिकार लेने के लिए एकजुट होना होगा. मौके पर जिप सदस्य अरुण यादव, दुलार साव, जयप्रकाश सिंह, सुनीता देवी, अनामिका देवी, संगीता टाना भगत, छाया देवी, विकास कुमार, अनिता देवी, रेणु दास, शर्मिला देवी, कामेश्वर गंझू, दिलीप कुमार, रामलखन दांगी, प्रमुख धनुषधारी राम दांगी, उपप्रमुख ललिता देवी, मुखिया मेघन दांगी, सरोज गंझू, सतीश दांगी, भरत भोक्ता, चामू मुंडा, पूरन गंझू समेत कई पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे.
पंचायत प्रतिनिधियों की मुख्य मांगें
केंद्र व राज्य सरकार जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायत के विकास के लिए प्रत्येक वर्ष फंड उपलब्ध करायें, 14वीं वित अनुदान की राशि समानुपाती क्रम में जिला परिषद/पंचायत समिति को भी देने, संविधान के 11वीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों पर शक्तियों को प्रतियोजन कर उसका अनुपालन सुनिश्चित करने, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण का विलय जिला परिषद में गत वर्ष कर दिया गया,
लेकिन अभी तक डीआरडीए का किसी भी संचिका का अध्यक्ष के पास नहीं भेजा गया, उपाध्यक्ष स्तर से भी डीआरडीए की संचिकाओं का संपादन कराने का आदेश जारी, जिला परिषद सदस्यों को भी सदस्यता का आदेश देने, सभी पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानजनक वेतन देने,
सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं में अनुशंसा का अधिकार, जिला योजना समिति का अध्यक्ष जिप अध्यक्ष को बनाने, राज्य सरकार द्वारा बनाये गये विभिन्न विभागों के बजट का कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सा (केरल के तर्ज पर) उपलब्ध कराने, बिहार, पश्चिम बंगाल व केरल के तर्ज पर झारखंड में भी पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार व प्रखंड प्रमुखों को क्षेत्र भ्रमण के लिए वाहन उपलब्ध कराने की मांग शामिल हैं.