बारामूला में सेना के काफिले पर आतंकी हमला, चतरा के शक्ति सिंह समेत दो जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद
श्रीनगर/नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी में आतंकियों ने सेना के काफिले पर मंगलवार रात ढाई बजे घात लगा कर हमला किया, जिसमें चतरा के शक्तिसिंह समेत दो जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गये. दो सैनिक व एक पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. बारामूला जिले में ख्वाजाबाग इलाके में आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया. […]
श्रीनगर/नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी में आतंकियों ने सेना के काफिले पर मंगलवार रात ढाई बजे घात लगा कर हमला किया, जिसमें चतरा के शक्तिसिंह समेत दो जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गये. दो सैनिक व एक पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. बारामूला जिले में ख्वाजाबाग इलाके में आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया. एहतियातन इलाके की घेराबंदी कर दी गयी है. शक्तिसिंह आर्मी में वायरलेस ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे. उनकी पोस्टिंग कुपवाड़ा में हुई थी. वह योगदान देने मथुरा से कुपवाड़ा जा रहे थे.आतंकियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया है.
दोदिन में झारखंड के दो जवान शहीद : इससे पहले 15 अगस्त को नौहट्टा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया. इस हमले में जामताड़ा के रहनेवाले सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार शहीद हो गये थे.
40वेंदिन भी कश्मीर में जनजीवन ठप : इस बीच कश्मीर में लगातार 40वें दिन सामान्य जनजीवन ठप रहा. बड़गाम जिले में कर्फ्यू लगाया गया है, जहां मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया था. बारामूला के वारपोरा व श्रीनगर में डल झील के ब्रीन निशात इलाके में पथराव की खबरें हैं. घाटी के बाकी हिस्सों में पैनी नजर रखी जा रही है. श्रीनगर में भारी तादाद में सुरक्षा बलों को लगाया गया है. संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह के स्थानीय कार्यालय की ओर जाने वाले सभी मार्गों को सोनावर में सील कर दिया गया है.
मालूम हो कि अलगाववादी समूहों ने विश्व इकाई से कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप कर उसे सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय तक मार्च करने का आह्वान किया था. अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल के कारण स्कूल , काॅलेज और निजी कार्यालय बंद रहे.
लश्कर आतंकी 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में : एक विशेष अदालत ने लश्कर-ए -तैयबा के लिए कथित रूप से काम करने वाले पाकिस्तानी नागरिक बहादुर अली उर्फ सैफुल्लाह को 15 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि एनआइए ने कहा कि अब उसे उससे हिरासत में रख कर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है.
तीनों बहनों की हर मांगें पूरी करता था शक्ति : पिता
सूबेदार शक्ति कुमार सिंह की शहादत की सूचना जैसे ही चतरा पहुंची, शोक की लहर दौड़ गयी. पिता संत सिंह हर दिन की तरह बुधवार सुबह आठ बजे घर में पूजा कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें अपने बेटे की शहादत की सूचना मिली. डीसी संदीप सिंह, एसपी अंजनि कुमार झा, जिला जज जयप्रकाश नारायण पांडेय, पूर्व सांसद इंदर सिंह नामधारी समेत कई लोग घर पहुंचे. पिता संत सिंह ने बताया कि उनका पुत्र संस्कारी व मृदुभाषी था. बहनों की हर मांगें वह पूरी करता था.
छोटा बेटा डेढ़ माह का है
शक्ति सिंह की 2008 में मयूरहंड गांव के पूर्व मुखिया अनिल सिंह की पुत्री खुशबू कुमारी के साथ शादी हुई थी. उनके दो पुत्र हैं. बड़ा पुत्र चार साल का है. छोटे पुत्र का जन्म डेढ़ माह पूर्व ही हुआ था.
2003 में सेना में शामिल हुए थे
शक्ति कुमार सिंह 2003 में सेना में भरती हुए थे. मूलत: मयूरहंड प्रखंड के अंबातरी गांव के रहनेवाले थे. उनके पिता संत सिंह चतरा न्यायालय में अधिवक्ता हैं. चतरा कॉलेज के पास स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में भी उनका मकान है. शक्ति ने इसी मकान में रह कर अपनी पढ़ाई की थी.
सात अगस्त को गये थे
शक्ति 58 दिन की छुट्टी पर घर आये थे. सात अगस्त को वापस ड्यूटी पर गये थे. वह मथुरा में पदस्थापित थे. मथुरा के बाद नयी पोस्टिंग के लिए कुपवाड़ा जा रहे थे. उनकी पहली पोस्टिंग पटियाला में हुई थी. इसके बाद रंगिया, रजौरी और मथुरा के बाद कुपवाड़ा में पोस्टिंग की गयी थी.
पाक के बातचीत के प्रस्ताव पर भारत का जवाब, वार्ता सीमा पार आतंक पर, कश्मीर पर नहीं
नयी दिल्ली. भारत ने कश्मीर पर विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के पाकिस्तान के प्रस्ताव को बुधवार को ठुकरा दिया. जोर देकर कहा कि वह सीमा पार के आतंक से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करना चाहेगा, जो जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति की वजह है. पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के निमंत्रण का जवाब देते हुए भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने इसलामाबाद जाने की अपनी इच्छा जाहिर की. साथ ही कहा कि पड़ोसी देश को जम्मू-कश्मीर के हालात के किसी भी पहलू पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. वह सीमा पार से जारी आतंकवाद व घुसपैठ को बंद करे.
गांव की वृद्ध महिलाएं आपस में चर्चा कर रही थी कि बहुत ही नेक दिल युवा था. जब भी गांव आता था, सभी से हाल-चाल पूछता था. एक वृद्ध महिला उसकी प्रशंसा करते-करते बिलख पड़ती है. वह स्थानीय भाषा में कहती है कि ‘गांव के हीरो हलय, जब आओ लहय तखनी लगो हलय की हमनी के हीरो आ गलय’. सभ चेंगवन खुश हो जा हलथिन. शक्ति भैया आ गलय की आवाज लगा कर जश्न मनाते थे. उनकी मृत्यु की खबर मिलते ही मानो पूरे अंबातरी गांव में दुखों का पहाड़ टूट गया. खबर सुनते ही धान की रोपनी करने वाले मजदूर काम बंद कर शोक में डूब गये. शक्ति सिंह की मौत की खबर ने अंबातरी के लोगों को असहाय बना दिया. वह सरल स्वभाव, मृदुभाषी व मिलनसार थे.
शक्ति 58 दिन की छुट्टी लेकर घर आये थे. उसके बाद सात अगस्त को ड्यूटी पर गये थे. वह मथुरा में पदस्थापित थे. नयी पोस्टिंग के लिए कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) होकर जा रहे थे. इस दौरान मंगलवार की देर रात आतंकवादी हमला में वे शहीद हो गये. शहीद शक्ति का पूरा बचपन फॉरेस्ट कॉलोनी में ही बीता है. उनके दादा लक्ष्मी नारायण सिंह वन विभाग में प्रारूप कार के पद पर पदस्थापित थे. उनके दादा के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रोफेसर कॉलोनी में नया मकान बनाकर रहने लगे. शहीद शक्ति के पिता संत सिंह ने बताया कि उनका पुत्र संस्कारी व मृदुभाषी स्वभाव का था. जब भी वह घर आता था, यहां के परिवेश में ढल जाता था. गाय की सेवा व बहनों की हर मांगों को पूरा करता था. उन्होंने बताया कि पड़ोस के दो युवकाें ने आर्मी का फार्म भरा था, उसे देख कर ही शक्ति ने भी सेना में जाने का मन बनाया और फार्म लेकर उनके साथ रांची गया. जहां तीनों साथियों का सेलेक्शन हुआ. उन्होंने रोते हुए बताया कि हमारे बेटे को इतने ही दिन साथ रहने का लिखा था.
बारामूला. आतंकी हमले में चतरा निवासी आर्मी जवान शक्ति सिंह शहीद
बारामूला में आतंकी हमले में शहीद आर्मी जवान शक्ति सिंह की शहादत की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव अंबातरी में मातम फैल गया. गांव में चारों तरफ सन्नाटा फैल गया. घटना से गांव के लोग काफी मर्माहत हैं. शक्ति की तीन बहनों डॉली, गुड़िया और मिनी का रो-रो कर बुरा हाल है. बहनों ने भाई को राखी भेज दी थी. गुरुवार को रक्षा बंधन का त्योहार मनेगा. बहनें अपने भाई से बात करने की तैयारी में थीं और उसके शहीद होने की खबर पहुंच गयी. बहनों की आंखों के आंसू नहीं थम रहे. उनका इकलौता भाई नहीं रहा. डॉली तो दहाड़ें मार-मार कर रो रही है.
गांव की वृद्ध महिलाएं आपस में चर्चा कर रही थी कि बहुत ही नेक दिल युवा था. जब भी गांव आता था, सभी से हाल-चाल पूछता था. एक वृद्ध महिला उसकी प्रशंसा करते-करते बिलख पड़ती है. वह स्थानीय भाषा में कहती है कि ‘गांव के हीरो हलय, जब आओ लहय तखनी लगो हलय की हमनी के हीरो आ गलय’. सभ चेंगवन खुश हो जा हलथिन. शक्ति भैया आ गलय की आवाज लगा कर जश्न मनाते थे. उनकी मृत्यु की खबर मिलते ही मानो पूरे अंबातरी गांव में दुखों का पहाड़ टूट गया. खबर सुनते ही धान की रोपनी करने वाले मजदूर काम बंद कर शोक में डूब गये. शक्ति सिंह की मौत की खबर ने अंबातरी के लोगों को असहाय बना दिया. वह सरल स्वभाव, मृदुभाषी व मिलनसार थे.
पिता को पूजा करते समय मिली बेटे की शहादत की खबर
अधिवक्ता संत सिंह के पुत्र सूबेदार शक्ति कुमार सिंह के शहीद होने की खबर जैसे ही चतरा पहुंची, जिले में शोक की लहर दौड़ गयी. चतरा कॉलेज के पास स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में उनके आवास पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. करुण चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. डीसी संदीप सिंह, एसपी अंजनी कुमार झा, जिला जज जयप्रकाश नारायण पांडेय, पूर्व सांसद इंदर सिंह नामधारी समेत कई पदाधिकारी व राजनीतिक दलों के लोग संवेदना व्यक्त करने संत सिंह के आवास पर पहुंचे. संत सिंह के आवास पर सांत्वना देनेवालों का दिन भर तांता लगा रहा. मौके पर पूर्व विधायक सत्यानंद भोक्ता, जनार्दन पासवान, एसडीपीओ ज्ञान रंजन के अलावा कई लोग उपस्थित थे.
डेढ़ माह पूर्व ही हुआ है एक पुत्र का जन्म
शक्ति कुमार सिंह वर्ष 2003 में आर्मी में शामिल हुए थे. वे मूलत: मयूरहंड प्रखंड के अंबातरी गांव के रहने वाले थे. उनके पिता संत सिंह चतरा न्यायालय में अधिवक्ता है. चतरा कॉलेज चतरा के पास स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में भी उनका मकान है. शक्ति ने इसी मकान में रह कर अपनी पढ़ाई की थी. 2008 में शक्ति की शादी मयूरहंड गांव में पूर्व मुखिया अनिल सिंह की पुत्री खुशबू कुमारी के साथ हुई थी. 2012 में उनका पहला पुत्र हुआ व दूसरे पुत्र का जन्म डेढ़ माह पूर्व ही हुआ है.
शक्ति 58 दिन की छुट्टी लेकर घर आये थे. उसके बाद सात अगस्त को ड्यूटी पर गये थे. वह मथुरा में पदस्थापित थे. नयी पोस्टिंग के लिए कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) होकर जा रहे थे. इस दौरान मंगलवार की देर रात आतंकवादी हमला में वे शहीद हो गये. शहीद शक्ति का पूरा बचपन फॉरेस्ट कॉलोनी में ही बीता है. उनके दादा लक्ष्मी नारायण सिंह वन विभाग में प्रारूप कार के पद पर पदस्थापित थे. उनके दादा के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रोफेसर कॉलोनी में नया मकान बनाकर रहने लगे. शहीद शक्ति के पिता संत सिंह ने बताया कि उनका पुत्र संस्कारी व मृदुभाषी स्वभाव का था. जब भी वह घर आता था, यहां के परिवेश में ढल जाता था. गाय की सेवा व बहनों की हर मांगों को पूरा करता था. उन्होंने बताया कि पड़ोस के दो युवकाें ने आर्मी का फार्म भरा था, उसे देख कर ही शक्ति ने भी सेना में जाने का मन बनाया और फार्म लेकर उनके साथ रांची गया. जहां तीनों साथियों का सेलेक्शन हुआ. उन्होंने रोते हुए बताया कि हमारे बेटे को इतने ही दिन साथ रहने का लिखा था.
शक्ति ने चतरा में की थी पढ़ाई, खेलों से था लगाव
चतरा. शक्ति की पहली पोस्टिंग पंजाब के पटियाला में हुई थी. रंगिया (असम), राजौरी (जम्मू) और मथुरा (उत्तर प्रदेश) के बाद उनकी पोंस्टिंग कुपवाड़ा में हुई थी. ज्वाइन करने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से कुपवाड़ा जा रहे थे. इसी दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया और शक्ति शहीद हो गये. शक्ति ने चतरा से पढ़ाई पूरी की थी. नाजरेथ विद्या निकेतन से मैट्रिक, चतरा कॉलेज से आइएससी व ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेना में रहते हुए इग्नू से की. शक्ति के साथी काली यादव ने बताया कि कॉलेज में वह वाॅलीबॉल का बेहतरीन खिलाड़ी था. मृदुभाषी व व्यवहार कुशल था. दोस्तों के साथ वॉलीबॉल, फुटबॉल व क्रिकेट खेलता था.
ससुराल में भी मातम
शक्ति सिंह की मौत की खबर मिलते ही मयूरहंड स्थित उसके ससुराल में भी मातम पसर गया. पूर्व मुखिया अनिल सिंह व उप प्रमुख मृदुला देवी के वह दामाद थे. दामाद की मौत की खबर सुनते ही ससुर अनिल सिंह व सास मृदुला देवी अचेत हो गये. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.