चतरा : क्ति कुमार सिंह वर्ष 2003 में आर्मी में शामिल हुए थे. वे मूलत: मयूरहंड प्रखंड के अंबातरी गांव के रहने वाले थे. उनके पिता संत सिंह चतरा न्यायालय में अधिवक्ता है.
चतरा कॉलेज चतरा के पास स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में भी उनका मकान है. शक्ति इसी मकान में रह कर अपनी पढ़ाई की थी. 2008 में शक्ति की शादी मयूरहंड प्रखंड के मयूरहंड गांव में पूर्व मुखिया अनिल सिंह की पुत्री खुशबू कुमारी के साथ हुई थी. 2012 में उनका पहला पुत्र हुआ व दूसरे पुत्र जन्म डेढ़ माह पूर्व हुआ. शक्ति 58 दिन की छुट्टी लेकर घर आये थे. उसके बाद सात अगस्त को वापस ड्यूटी पर गये थे. वह मथुरा में पदस्थापित थे.
मथुरा के बाद वे नये पोस्टिंग के लिए कुपवाड़ा (जम्मू काश्मीर) होकर जा रहे थे. इस दौरान मंगलवार की देर रात आतंकवादी हमला में वे शहीद हो गये. शहीद शक्ति का पूरा बचपन फॉरेस्ट कॉलोनी में ही बिता है. उनके दादा लक्ष्मी नारायण सिंह वन विभाग में प्रारूप कार के पद पर पदस्थापित थे. उनके दादा के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रोफेसर कॉलोनी में नया मकान बनाकर रहने लगे. इस मकान में कई अमरूद, नींबू, आम व शीशम के कई पेड़ लगा है. जिसकी छांव में बैठ कर शक्ति पढ़ाई की थी. आज वह पेड़ भी शांत है.
शहीद शक्ति के पिता संत सिंह ने बताया कि उनका पुत्र संस्कारी व मृदुभाषी स्वभाव का था. जब भी वह घर आता था, यहां के परिवेश में ढल जाता था. गाय की सेवा व बहनों की हर मांगों को पूरा करता था. उन्होंने बताया कि पड़ोस के दो युवक आर्मी का फार्म भरे था, उसे देख कर ही शक्ति ने भी सेना में जाने का मन बनाया और फार्म लेकर उनके साथ रांची गया. जहां तीनों साथियों का सलेक्शन हुआ. उन्होंने रोते हुए बताया कि हमारे बेटे को इतने ही दिन साथ रहने का लिखा था. यह बात कहते-कहते वे रोने लगे. संवेदना व्यक्त करने पहुंचे कई अधिवक्ताओं ने उन्हें ढाढस दिला कर चुप कराते हैं, फिर भी उनके आंखों से आंसू नहीं रूक पाता है.
चतरा में की थी पढ़ाई
शक्ति की पहली पोस्टिंग पंजाब के पटियाला में हुई थी. रंगिया (असम), राजौरी (जम्मू) और मथुरा (उत्तर प्रदेश) के बाद उनकी पोंस्टिंग कुपवाड़ा में हुई थी. ज्वाइन करने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से कुपवाड़ा जा रहे थे. इसी दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया और शक्ति शहीद हो गये. शक्ति ने चतरा से पढ़ाई पूरी की थी. नाजरेथ विद्या निकेतन से मैट्रिक, चतरा कॉलेज से आइएसी व ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेना में रहते हुए इग्नू से की.
खेल से था लगाव : शक्ति के साथी काली यादव ने बताया कि कॉलेज में वह वाॅलीबॉल का बेहतरीन खिलाड़ी था. मृदुभाषी व व्यवहार कुशल था. दोस्तों के साथ वॉलीबॉल, फुटबॉल व क्रिकेट खेलता था. मुहल्ले के अभिषेक पांडेय व प्रभात सिन्हा के साथ उसका आर्मी में सेलेक्शन हुआ था.