राज्य संपोषित उवि का छात्रावास जर्जर

छात्रावास बनने के बाद एक बार भी नहीं करायी गयी मरम्मत 1997 तक विद्यालय के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे यहां रह कर पढ़ाई करते थे चतरा : राज्य संपोषित उवि के छात्रावास की स्थिति काफी जर्जर है. इससे पूरा छात्रावास खाली पड़ा है. वर्ष 1947 में इस छात्रावास का निर्माण किया गया था. तत्कालीन डीइओ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 8:07 AM
छात्रावास बनने के बाद एक बार भी नहीं करायी गयी मरम्मत
1997 तक विद्यालय के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे यहां रह कर पढ़ाई करते थे
चतरा : राज्य संपोषित उवि के छात्रावास की स्थिति काफी जर्जर है. इससे पूरा छात्रावास खाली पड़ा है. वर्ष 1947 में इस छात्रावास का निर्माण किया गया था. तत्कालीन डीइओ विभूति नाथ झा ने पांच कमरे का छात्रावास का निर्माण करवाया था. छात्रावास बनने के बाद से वर्ष 1997 तक विद्यालय के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे वहां रह कर पढ़ाई करते थे. लेकिन इसकी स्थिति धीरे-धीरे जर्जर होती चली गयी. छात्रावास बनने के बाद से एक बार भी इसकी मरम्मत नहीं करायी गयी. वर्ष 1998 में डीइओ कार्यालय की स्थापना होने के बाद इस छात्रावास में डीइओ कार्यालय का कब्जा रहा.
बच्चे छात्रावास में रहना चाहते हैं, तो सरकार को निर्माण के लिए पत्र लिखेंगे : डीइओ : डीइओ शिव नारायण साह ने कहा कि विद्यालय के बच्चे अगर छात्रावास में रहना चाहते हैं, तो इसके निर्माण के लिए सरकार को पत्र लिखा जायेगा.
आदेश प्राप्त होते ही छात्रावास का निर्माण कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रबंधन समिति को 15 दिन के अंदर बैठक कर विद्यालय परिसर में तीन शौचालय का निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है. विद्यालय विकास कोष में 25 लाख रुपये पड़े है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इस विद्यालय को प्लस टू करने की योजना है. इसको देखते हुए बालक व बालिका के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने कहा कि जिले के सभी उच्च विद्यालयों में शौचालय निर्माण को लेकर प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है.
400 बच्चों के लिए तीन शौचालय
विद्यालय में कुल 400 छात्र अध्ययनरत है. कक्षा आठ से लेकर मैट्रिक तक के छात्र यहां पढ़ाई करते हैं. विद्यालय में तीन पुराने शौचालय हैं. उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. पइन व दरवाजा टूटा पड़ा है. जबकि इस विद्यालय में मैट्रिक, इंटर, बीए के अलावा कई प्रतियोगी परीक्षा हमेशा होते रहती है. शौचालय के अभाव में शिक्षक व परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
छात्रावास की दीवार गिर गयी है व बरसात में
टपकता है पानी : प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक शोभनाथ राम ने बताया कि छात्रावास की दीवार गिर गयी है. बरसात में सभी कमरे में पानी टपकते रहता है. इस वजह है कि कोई भी छात्र यहां रहना नहीं चाहते हैं. आजकल ग्रामीण क्षेत्र व दूर-दराज के कई छात्र शहर में किराये पर कमरा लेकर रहते हैं. साथ ही कई छात्र साइकिल से प्रतिदिन घर चले जाते हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से छात्रावास की मरम्मत कराने की मांग की है.

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