युवा पीढ़ी व वन को बचाने के लिए उठाया गया कदम
नारी मुक्ति संघर्ष मोरचा ने की अभियान की शुरुआत
चतरा. जिले में पहली बार ग्रामीण पोस्ता की खेती के खिलाफ गोलबंद हुए हैं. बिना भय के ग्रामीण व महिलाएं पोस्ता की खेती नष्ट अभियान में शामिल हुए. पोस्ता की खेती को नष्ट करने का बीड़ा उठाया है. इसकी शुरुआत शनिवार से शुरू हुई है. उजड़ते वन को बचाने के लिए लोग एकजुट होकर इसका विरोध कर रहे हैं.
महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर लाठी डंडे के साथ खेतों में उतर कर पोस्ता की फसल को नष्ट किया. इसक नेतृत्व नारी मुक्ति संघर्ष मोरचा ने किया. मोर्चा स्वयंसेवी संस्था चेतना भारती की पहल पर अभियान छेड़ा है. पोस्ता से हो रहे नुकसान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता विनय सेंगर ने ग्रामीणों को एकजुट कर जिले से पोस्ता की खेती को समाप्त करने का संकल्प लिया है. उन्होंने बताया कि पोस्ता की खेती को लेकर तेजी से वन उजाड़े जा रहे हैं. अफीम माफिया गांव के लोगों से वन भूमि पर पोस्ता की खेती करा रहे हैं, जिससे पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है. कहा कि वन विभाग व पुलिस पदाधिकारी पैसे लेकर खेती करा रहे हैं. जिले में बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती की गयी है. नारी मुक्ति संघर्ष मोरचा सभी जगहों पर जाकर पोस्ता की फसल नष्ट करेगी. पोस्ता की खेती होने से युवा पीढ़ी बरबाद हो रहा है.
जमीन बंजर होने लगी है. समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो चतरा को नुकसान होगा. इसको रोकने के लिए करीब 300 महिला पुरुष संगठित होकर पोस्ता नष्ट करने का निर्णय लिया है. जहां-जहां पोस्ता की खेती की गयी है, वहां पहुंच कर पोस्ता नष्ट करेंगे. पहले दिन चले अभियान में करीब 25 एकड़ में लगी पोस्ता की फसल को नष्ट किया गया. बताया कि पोस्ता की खेती में कनीय पुलिस पदाधिकारी व वन विभाग की भूमिका संदिग्ध है. उन्होंने बताया कि पोस्ता के खेती के खिलाफ मंगलवार को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया जायेगा.