चतरा के लावालौंग के बीडीओ की गिरफ्तारी सच्ची या झूठी?
undefined चतरा: चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड के बीडीओ आफताब आलम को एसीबी की टीम ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. मामला गुरुवार का है और यह बताया जाता है कि एसीबी की टीम को किसी ने सूचना दी थी कि डोभा निर्माण के एवज में उक्त बीडीओ ने 26 हजार रुपये […]
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चतरा: चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड के बीडीओ आफताब आलम को एसीबी की टीम ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. मामला गुरुवार का है और यह बताया जाता है कि एसीबी की टीम को किसी ने सूचना दी थी कि डोभा निर्माण के एवज में उक्त बीडीओ ने 26 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी़ इसी सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसीबी की टीम ने रिश्वत की पहली किश्त के रूप में दिये जा रहे छह हजार रुपये के साथ बीडीओ को रंगे हाथों गिरफ्तार किया़
लेकिन, आफताब आलम की गिरफ्तारी के समय का जो वीडियो सामने आया है, उससे गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस वीडियो को देख करप्रथम दृष्टयायह लगता है कि या तो बीडीओ को जबरदस्ती फंसाया जा रहा है या फिर एसीबी के अधिकारी नासमझ हैं. इस वीडियो में नजर आ रहे एसीबी के अधिकारी बीडीओ पर टूट पड़े हैं और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दे रहे. बीडीओ बार-बार हाथ धुलवाने की बात कह रहे हैं, लेकिन एसीबी के अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे. यहां यह जानना जरूरी है कि जब किसी अधिकारी की रिश्वत लेने की शिकायत मिलती है, तो एसीबी के लोग सत्यता की जांच करने के लिए एक खास तरह का केमिकल लगा नोट किसी अन्य शख्स के हाथों भिजवाते हैं. जब वह अधिकारी केमिकल लगे उन नोटों को अपने हाथों में लेता है, तो एसीबी के लोग ऐन मौके पर पहुंचकर नोट लेने वाले अधिकारी के हाथ धुलवाते हैं. चूंकि केमिकल तब तक नोट से हाथों पर लग चुका होता है, ऐसे में हाथ धोने पर केमिकल रंग बदल देता है और नोट पकड़नेवाले नोट गुलाबी हो जाते हैं. इसी से रंगे हाथ पकड़े जाने का मुहावरा भी तैयार हुआ है.
और तो और, इस घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे शख्स को भी डरा कर उसका कैमरा ऑफ कराते दिख रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों रांची के नगड़ी के बीडीओ को एसीबी द्वारा पैसे फेंककर जबरन फंसाने और स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद बाइज्जत छोड़ने का मामला सामने आया था.