माफियाओं के भी निशाने पर थे पूर्व मुखिया आनंदी सिंह

आरटीइ कार्यकर्ता के रूप में थी पहचान, भ्रष्टाचार का करते थे विरोध वर्ष 2010 के पंचायत चुनाव में बने थे मुखिया हंटरगंज : पूर्व मुखिया आनंदी सिंह गलत कार्यों का हमेशा विरोध करते थे. अवैध पत्थर उत्खनन, शराब व्यवसाय व बालू उठाव के विरोध को लेकर माफियाओं के निशाने पर थे. शराब माफिया का कनेक्शन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 9:03 AM
आरटीइ कार्यकर्ता के रूप में थी पहचान, भ्रष्टाचार का करते थे विरोध
वर्ष 2010 के पंचायत चुनाव में बने थे मुखिया
हंटरगंज : पूर्व मुखिया आनंदी सिंह गलत कार्यों का हमेशा विरोध करते थे. अवैध पत्थर उत्खनन, शराब व्यवसाय व बालू उठाव के विरोध को लेकर माफियाओं के निशाने पर थे. शराब माफिया का कनेक्शन बिहार से जुड़ा हुआ था. हंटरगंज में बड़े पैमाने पर पत्थरों का उत्खनन होता है.
अवैध ढंग से बालू का उठाव कर बिहार भेजा जाता हैं. बिहार में शराबबंदी के बाद सीमा पर होने के कारण शराब माफिया व अपराधी सक्रिय थे. उक्त कार्यों का विरोध करते थे. ग्रामीणों ने बताया कि विरोध करने से माफियाओं द्वारा हमेशा धमकी जी जाती थी. माफिया उठाने की भी धमकी देते थे. इसका बिना भी प्रवाह किये अपना काम करते रहते थे. इतना ही नहीं प्रखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध लड़ाई लड़ते थे. गरीबों को हक दिलाने के लिए आगे रहते थे. सूचना अधिकार के तहत सूचनाएं मांग कर कई भ्रष्टाचार का उद्भेदन किया था. इसलिए उनकी पहचान आरटीइ कार्यकर्ता के रूप में थी. आनंदी सिंह वर्ष 2010 के पंचायत चुनाव में मुखिया चुने गये थे.
मां कौलेश्वरी के थे भक्त: आनंदी सिंह पूजा-पाठ में पूरा विश्वास रखते थे. वे मां कौलेश्वरी का भक्त थे. कौलेश्वर पर्वत विकास को लेकर हमेशा जागरूक रहते थे. जब भी कोई नेता, मंत्री, पदाधिकारी पहुंचते थे, वे शामिल रहते थे. इतना न ही नहीं बड़े कार्यक्रमों में भाग लेते थे. यहां आनेवाले पर्यटकों को कौलेश्वरी पर्वत की पूरी जानकारी उपलब्ध कराते थे.

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