बिरहोरों को नहीं मिला कंबल, ठंड में ठिठुर कर काट रहे रात
प्रखंड क्षेत्र के बैगा-बिरहोर परिवार इस कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. प्रखंड प्रशासन की ओर से अब तक कंबल का वितरण नहीं किया गया है. अपने पूरे परिवार के साथ ठंड में रात गुजर रहे हैं.
कुंदा़ प्रखंड क्षेत्र के बैगा-बिरहोर परिवार इस कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. प्रखंड प्रशासन की ओर से अब तक कंबल का वितरण नहीं किया गया है. अपने पूरे परिवार के साथ ठंड में रात गुजर रहे हैं. ठंड से बचने के लिए आग एक मात्र सहारा है प्रखंड के जगन्नाथपुर ,मदारपुर धरतीमांडर, नवादा हरदियाटांड़, सोहरलाठ आसेदेरी, बनियाडीह समेत कई गांव में लगभग 300 परिवार रहते हैं. कंपकपाती ठंड के मौसम में जिला प्रशासन द्वारा अबतक कंबल उपलब्ध नहीं कराया गया है. सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों को हो रही है. इनके शरीर को अच्छा से ढकने का कपड़ा भी नसीब नहीं हो रहा है. बिना कपड़ों के छोटे बच्चे नजर आ रहे है. ग्रामीण रतन बैगा ने कहा कि सब बार ठंड में अब तक कंबल उपलब्ध नहीं कराया गया है. सोहरी बैगिन ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन आदिम जनजाति परिवार पर ठंड के मौसम में ध्यान नहीं दे रही है. अब तक कंबल नहीं मिलना जिला प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है. सुगिया देवी ने कहा कि जंगल से जड़ी बूटी तोड़कर, लकड़ी, चकोड़ बेच कर जीवन यापन कर रहे है. 100-200 रुपये की कमाई में खाने में ही खत्म हो जाता है. सरकार द्वारा राशन व पेंशन मिलता है.
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