चतरा. तस्करों ने गिद्धौर थाना क्षेत्र में ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री के लिए लोकेशन चेंज कर दिया है. पहले रोहमर-मसुरिया जंगल में ब्राउन शुगर बेचा जाता था, लेकिन अब गिद्धौर-ब्रहम्पुर रास्ते में कलोनिया के आसपास जंगलों में ब्राउन शुगर बेचा जा रहा है. तस्कर जंगल को सेफ जोन मानते हैं. क्षेत्र में नशे का कारोबार फल फूल रहा है. जब पुलिस की ब्राउन शुगर के खिलाफ कार्रवाई बढ़ती है तो तस्कर दूसरे जिले में शिफ्ट हो जाते हैं. पुलिस की सक्रियता कम होते ही फिर क्षेत्र में आकर धंधे में जुड़ जाते है. कभी दूसरों के मोहताज रहने वाले लोग आज इस कारोबार से जुड़ कर लखपति व करोड़पति बन रहे है. ब्राउन शुगर की काली कमाई से कई लोगों ने बड़ी संपत्ति अर्जित की है. आलीशान मकान बनाने के साथ-साथ महंगे वाहनों पर चलते हैं. हालांकि पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति को जब्त करने की बात कही जाती है, लेकिन आज तक किसी भी तस्कर की संपत्ति जब्त नहीं की गयी है. मालूम हो कि जिले में नशा का कारोबार लगातार फल-फूल रहा. अफीम की तस्करी से शुरू हुआ यह कारोबार अब ब्राउन शुगर की तस्करी तक पहुंच गया है.
वीडियो कॉल से पहुंचते हैं लोग
तस्कर वीडियो कॉल के माध्यम से ब्राउन शुगर खरीदने वालों को अपने निश्चित स्थान पर बुलाते हैं और ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री करते हैं. चतरा के साथ-साथ हजारीबाग जिले के विभिन्न क्षेत्रों से जंगल में पहुंच कर ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री करते है. कोई बाइक से तो कोई चार पहिया वाहन से ब्राउन शुगर खरीदने पहुंचते है. यहां से ब्राउन शुगर खरीदने के लोग अपने क्षेत्र में ले जाकर उसे पुड़िया बना कर बेचते हैं.
एसडीपीओ ने कहा
सिमरिया एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने कहा कि किसी भी हाल में नशे के कारोबारियों को बख्शा नहीं जायेगा. तस्करों को चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है