कुंदा के कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या, पेड़ व पहाड़ पर चढ़ कर करते हैं बात
21वीं सदी में भी यहां के लोग 18वीं सदी में जी रहे हैं. ग्रामीणों द्वारा कई बार गांव में टावर लगाने की मांग की गयी, लेकिन टावर नहीं लगा. पेड़ पर चढ़ कर मोबाइल फोन से बात करने के दौरान फिसल कर गिरने का भय बना रहता है. लोगों के पास स्मार्टफोन रहने के बाद भी उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
चतरा : सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के कई योजनाएं संचालित कर रही है. लेकिन कुंदा प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं, जहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं है. लोग अपने रिश्तेदारों से बात करने के लिए पेड़ व पहाड़ की ओर रूख करते हैं. हर दिन लोगों को पेड़ पर चढ़ कर फोन पर बात करते देखा जा रहा है. नेटवर्क नहीं रहने से डिजिटल युग का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
21वीं सदी में भी यहां के लोग 18वीं सदी में जी रहे हैं. ग्रामीणों द्वारा कई बार गांव में टावर लगाने की मांग की गयी, लेकिन टावर नहीं लगा. पेड़ पर चढ़ कर मोबाइल फोन से बात करने के दौरान फिसल कर गिरने का भय बना रहता है. लोगों के पास स्मार्टफोन रहने के बाद भी उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
इन गांवों में नहीं हैं मोबाइल नेटवर्क
प्रखंड के कुटील, गेंदरा, एकता, टिटहीभरगांव, बंदराहा, खुशियाला, कामत, बलही, हिंदिया, बंठा, हेसातु, दुर्गी, सोहरलाठ, सीधाबारी, फुलवरिया, सिकिदाग, कोजरम, उलवार, पचंबा, रतनाग, दारी, जोबिया समेत कई
गांव जहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं है. इन गांवों में कहीं भी किसी भी
मोबाइल कंपनी का टावर नहीं लगा है, जिसके कारण मोबाइल में नेटवर्क नहीं रहता है.
ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे वंचित
कोविड-19 के कारण सभी स्कूल, कॉलेज व शिक्षण संस्थान बंद है. शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गयी है. नेटवर्क नहीं रहने से बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. उक्त गांव के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं. कई गांव के बच्चे प्रखंड मुख्यालय में रह कर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं.