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बिक्री कम, मायूस हैं धान व मक्का बीज के विक्रेता, पिछले साल की अपेक्षा बिक्री हुई आधा

इटखोरी चौक के गणेश बीज भंडार के संचालक संजय दांगी ने कहा कि पिछले साल अच्छी उपज होने के कारण इस साल किसान धान की खेती की ओर कम ध्यान दे रहे हैं. दूसरी बात यह है कि इस साल खेती की अनुरूप बारिश नहीं हो रही है, जिससे मक्का की खेती करने का मौका किसानों को नहीं मिल रहा है. बीज लाकर हमलोगों काे पूंजी निकालना मुश्किल हो गया है.

इटखोरी : मौसम अनुकूल बारिश नहीं और बिक्री कम होने की वजह से इटखोरी के बीज विक्रेता मायूस हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल काफी कम धान व मक्का के बीजों की बिक्री हुई है. पिछले साल प्रखंड में धान बीज 35 मीट्रिक टन तथा मक्का बीज 13 मीट्रिक टन बिका था, जबकि इस साल धान का बीज 13 मीट्रिक टन (एमटी) तथा मक्का बीज मात्र तीन मीट्रिक टन बिका है. बीजों की बिक्री कम होने का कई कारण बताये जाते हैं.

इटखोरी चौक के गणेश बीज भंडार के संचालक संजय दांगी ने कहा कि पिछले साल अच्छी उपज होने के कारण इस साल किसान धान की खेती की ओर कम ध्यान दे रहे हैं. दूसरी बात यह है कि इस साल खेती की अनुरूप बारिश नहीं हो रही है, जिससे मक्का की खेती करने का मौका किसानों को नहीं मिल रहा है. बीज लाकर हमलोगों काे पूंजी निकालना मुश्किल हो गया है.

पिछले साल हमने धान बीज 15 एमटी तथा मक्का बीज आठ एमटी बेचा था. इस साल धान आठ एमटी तथा मक्का दो एमटी ही बिका है. गांधी चौक स्थित प्रकाश बीज भंडार के संचालक बबलू सिंह ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल 50 प्रतिशत भी बीज की बिक्री नहीं है.

पिछले साल मैंने धान 10 एमटी तथा मक्का तीन एमटी बीज बेचा था लेकिन इस साल धान बीज पांच एमटी तथा मक्का बीज एक एमटी बिका है. उन्होंने बताया कि दो साल से लगातार कोरोना की मार किसान झेल रहे हैं. लोगों के पास खेती के लिए पूंजी नहीं है. इसके अलावा लगातार बरसात से मक्का की खेती करने का मौका नहीं मिल रहा है. खेती में लागत पूंजी भी किसानों को निकालना मुश्किल हो जाता है. कम खेती करने का असर बीज दुकानों पर पड़ा है. जानकारी के अनुसार पैक्सों में भी काफी कम बीज की बिक्री हुई है. धनखेरी पैक्स में पिछले साल 150 क्विंटल धान बिका था, जबकि इस साल मात्र 45 क्विंटल बिका है.

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