धर्मेंद्र कुमार, सिमरिया. रोल-पत्थलगड्डा रोड स्थित ईचाकखुर्द के किसानों ने 20 वर्ष से बंजर पड़ी भूमि पर खेती कर उसे हरा-भरा बना दिया है. कड़ी मेहनत कर युवा किसानों ने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है. कंडसारटांड़ में सबसे पहले चार किसानों ने बंजर भूमि में खेती शुरू की थी. धीरे-धीरे गांव के अन्य किसानों ने भी बंजर भूमि में खेती करनी शुरू कर दी. किसान दो किलोमीटर दूर स्थित एक छोटी सी नदी से पंप सेट और पाइप की मदद से पानी लाकर फसलों की सिंचाई करते हैं. यहां बड़े पैमाने पर खेती हो रही है. वर्तमान में यहां टमाटर की फसल तैयार होने को है. एक सप्ताह के बाद टमाटर निकलना शुरू हो जायेगा. किसानों ने पांच लाख रुपये की पूंजी लगाकर खेती की है. किसान पूरे परिवार के साथ मिल कर खेती कर रहे हैं.
खेतों में कई फसल लगी है
बंजर पड़ी 20 एकड़ भूमि में किसानो ने कई फसल लगायी है. किसानों ने 10 एकड़ में टमाटर, दो एकड़ में आलू, एक एकड़ में सरसो, एक एकड़ में राई व दो एकड़ में कुर्थी के साथ-साथ अन्य फसल भी लगायी है.
मजदूरों को मिल रहा रोजगार
टमाटर की खेती में हर दिन 30 से 40 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. मजदूर यहां दो माह से लगे हुए हैं. पुरुष मजदूरों को 350 रुपये व महिला मजदूरों को 250 रुपया प्रतिदिन मिल रहा है. मजदूर व किसान टमाटर की बुआई से लेकर फसल की सिंचाई करने का काम कर रहे हैं. लोगों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. प्रगतिशील किसान सह पैक्स अध्यक्ष गणेश दांगी ने कहा कि वर्षों से भूमि बंजर पड़ी थी, जिसे उपजाऊ बनाने का निर्णय लिया. टमाटर के साथ अन्य फसल की खेती शुरू की. गांव के लोगों ने मिल कर पंप सेट खरीदा. साथ ही पाइप के माध्यम से खेतों तक पानी लाया. इसके बाद फसलों की सिंचाई की. मोती दांगी ने कहा कि पूंजी लगा कर खेती शुरू की है. अब अच्छी आमदनी होने की उम्मीद हैं. विकास दांगी व शमशेर अंसारी ने कहा कि खेती से काफी लाभ होता है. यह सोच कर बंजर भूमि को हरा भरा करने का निर्णय लिया.
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