सौ एकड़ बंजर भूमि में लहलहा रही है फसल
हजारीबाग-चतरा की सीमा पर स्थित बड़ाकर नदी के किनारे पेटादेरी गांव में वर्षों से बंजर पड़ी सौ एकड़ भूमि को को किसानों ने अपने कठिन परिश्रम से हरा-भरा बना दिया है.
मयूरहंड. हजारीबाग-चतरा की सीमा पर स्थित बड़ाकर नदी के किनारे पेटादेरी गांव में वर्षों से बंजर पड़ी सौ एकड़ भूमि को को किसानों ने अपने कठिन परिश्रम से हरा-भरा बना दिया है. किसानों यहां रबी फसल गेहूं, सरसों, आलू व प्याज की खेती करते हैं. किसानों को इस बार फसल अच्छी होने की उम्मीद है. किसानों ने बताया कि नदी किनारे बलुई मिट्टी है. कम उर्वरक में अच्छी पैदावार व रबी फसल के लिए उक्त मिट्टी उपयुक्त है. किसान फसलों की सिंचाई बड़ाकर नदी से करते हैं. मोटर पंप के सहारे फसल की सिंचाई कर किसानों ने बंजर जमीन को हरा-भरा बनाया है. किसान सिकेंद्र उर्फ सिक्कू यादव ने कहा बताया कि उन्होंने गेहूं, सरसों, आलू व प्याज की खेती की है. बड़ाकर नदी से सिंचाई कर रहे हैं. धर्मराज राणा ने बताया कि डीप बोरिंग की सुविधा मिलती, तो हर वर्ष बेहतर उत्पादन कर अच्छी आमदनी करते. बीके यादव ने बताया कि मोटर पंप के सहारे फसल की सिंचाई कर रहें हैं. बासो यादव, राजकुमार महतो, लखन यादव व लालधारी यादव ने बताया कि इस वर्ष बेहतर फसल उत्पादन की उम्मीद है.
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