चतरा : पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद भी अफीम तस्करों को कार्रवाई की नहीं है चिंता, लहलहा रही है पोस्ते की फसल
जिला व पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद भी जोलडीहा पंचायत के कई गांवों में आज भी पोस्ता की फसल लहलहा रही है.
जिला व पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद भी जोलडीहा पंचायत के कई गांवों में आज भी पोस्ता की फसल लहलहा रही है. उक्त पंचायत के राजगुरु, केनारीमोह, कुरखेता, पहसवार का टोला गोगलदाहा, गुब्बे सहित सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पोस्ता की खेती की जा रही है. इसके अलावा दंतार पंचायत के कोउवाही एवं लेढ़ो गांव में पोस्ता की खेती की गयी है.
इन क्षेत्रों में माओवादी गतिविधि रहने के कारण पुलिस भी ऐसे क्षेत्रों में जाने से कतराती है. इसी का फायदा उठाव कर अफीम तस्कर ग्रामीणों को बहला फुसला कर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करते हैं. दूसरे क्षेत्र से आकर अफीम तस्कर यहां रिश्तेदार बन कर रहते हैं और ग्रामीणों के साथ मिल कर पोस्ता की खेती करते हैं. तस्करों द्वारा पोस्ता से गीला अफीम निकाला जाता है.
गीला अफीम से ब्राउन शुगर, चरस व अन्य मादक पदार्थ तैयार कर दूसरे प्रदेशों में उचित कीमत पर बेचते हैं. अफीम की खेती में ग्रामीण तो कम, लेकिन माफिया अधिक कमाई करते हैं. इससे पूर्व थाना क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र जो पहले पोस्ते की फसल के लिए मशहूर था, उन क्षेत्रों में इस बार पोस्ता की खेती नहीं के बराबर की गयी है. इससे पदाधिकारी व ग्रामीणों में राहत है.
ड्रोन कैमरा से रखी जा रही है नजर : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि पोस्ता की खेती अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में किये जाने की सूचना है. जहां पर न तो ट्रैक्टर जा सकता है न ही जेसीबी. ड्रोन कैमरे से पोस्ते की खेती पर नजर रखी जा रही है. क्षेत्र में लगातार पोस्ता उन्मूलन अभियान जारी है. ऐसे क्षेत्रो में पोस्ता की खेती को नष्ट करने के लिए योजना बनायी जायेगी.
अभियान चला कर नष्ट की जायेगी फसल : एसपी
पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने कहा कि जहां भी पोस्ता की खेती की गयी है, उसे अभियान चला कर नष्ट किया जायेगा. साथ ही इसमें संलिप्त तस्कर व ग्रामीणों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. ड्रोन कैमरे से पोस्ता की खेती पर नजर रखी जा रही हैं.