चतरा. जिले में संचालित पत्थर माइंस की जांच की गयी, जिसमें कई गड़बड़ी सामने आयी. जिसे लेकर खनन विभाग ने माइंस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लगभग 28 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है. संचालक जुर्माना जमा कर रहे हैं. उपायुक्त रमेश घोलप के निर्देश पर जांच की गयी. हंटरगंज, सदर व सिमरिया प्रखंड में संचालित कई माइंस की स्थल जांच की गयी. जांच के दौरान निर्धारित क्षेत्र से बाहर पत्थर खनन करते पाये गये. खनन नियम को दरकिनार कर कार्य किया जा रहा था. साथ ही पत्थर ढुलाई में भी गड़बड़ी पायी गयी. 18-20 टन की जगह 28-30 टन पत्थर की ढुलाई कर राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे थे. बता दें कि जिले में संचालित कई माइंस संचालकों द्वारा निर्धारित स्थल से हट कर बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पत्थर खनन किया जा रहा है, जिससे हर रोज सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. इसकी शिकायत मिलने पर उपायुक्त द्वारा जांच करायी गयी, जिसमें गड़बड़ी पायी गयी. उपायुक्त ने बैठक कर अवैध रूप से पत्थर व बालू का उत्खनन, परिवहन व भंडारण के विरुद्ध संबंधित विभाग को लगातार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. डीएमओ मनोज टोप्पो ने कहा कि लगातार पत्थर माइंस की जांच की जा रही है. गड़बड़ी पाये जाने पर कार्रवाई की जा रही है और जुर्माना वसूला जा रहा है. दूसरे प्रदेश भेजे जा रहे हैं पत्थर व बालू : यहां के पत्थर व बालू से बिहार में कई सड़क, पुल-पुलियाें का निर्माण किया जा रहा है. शाम ढलते ही हाइवा समेत कई वाहनों से पत्थर व बालू की ढुलाई शुरू हो जाती हैं, जो रातभर चलता है. वाहनों में ओवरलोड खनिज लदा रहता है. ओवरलोड वाहनों को चलने से सड़क जर्जर हो रही हैं. हमेशा वाहनों से पत्थर का टुकड़ा गिरने का भय बना रहता है. कई बार लोग बाल-बाल बच चुके हैं. वहीं जिले के लोग बालू के अभाव में पीएम आवास, अबुआ आवास नहीं बना पा रहे हैं.,जबकि यहां के बालू धड़ल्ले से दूसरे प्रदेश भेजे जा रहे हैं.
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