गगा प्रसाद : गिद्धौर. आद्रा नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है. इस नक्षत्र में खेतों में धूल उड़ रही है. पर्याप्त बारिश नही होने से किसान खेती बारी का काम शुरू नही कर पा रहे हैं. प्रखंड के कुछ क्षेत्र में आंशिक बारिश हुई, जबकि अधिकतर जगहों पर बारिश के अभाव में खेत परती पड़े हैं. किसानों के अनुसार, आद्रा नक्षत्र खेती के लिए सबसे अहम होता है. इस नक्षत्र में खरीफ फसल की खेती तय होती है. किसान अब तक धान, मक्का समेत अन्य खरीफ फसलों की खेती शुरू कर देते थे, लेकिन इस बार मौसम के मिजाज से किसान सहमे हैं. मानसून का मिजाज बदला-बदला सा है. किसान आसमान की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. कभी बादल छा भी रहा है, तो घंटे-दो घंटे में फिर से वही कहर बरपाने वाली तीखी गर्मी और उमस का अहसास होने लगता है. जिन खेतों में अभी नमी होनी चाहिए, वहां धूल उड़ रही है. मक्के की बुआई प्रभवित होती दिख रही है. खेतों में दूर-दूर तक कहीं भी धान का बिचड़ा डालने के हालात नहीं दिख रहे हैं. वर्षा में और देरी हुई, तो सबसे अधिक नुकसान मक्के व धान की फसल को हो सकता है. खास तौर पर दलहन की बुआई भी प्रभावित हो सकती है. पानी की किल्लत से जूझ रहे किसान : क्षेत्र के किसान पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. नदी, नाले व आहार तालाब सूखे पड़े हैं. आद्रा नक्षत्र में पर्याप्त बारिश होने से इन जलस्रोतों में पानी जमा होता था, जिससे खेती का कार्य आसान हो जाता था. लेकिन, इनमें पानी नही होने से किसान चिंतित हैं. अधिकतर किसानों ने अभी तक खाद, बीज की खरीदारी भी नही की. क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है.
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