तुरी जाति के लोग बांस से सूप, दउरा बना कर करते हैं जीविकोपार्जन

प्रखंड के हुरनाली पंचायत के उरूब के रामनगर तुरी टोला के लोग बांस से सूप व दाउरा बना कर जीविकोपार्जन करते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 17, 2024 8:27 PM

सिमरिया. प्रखंड के हुरनाली पंचायत के उरूब के रामनगर तुरी टोला के लोग बांस से सूप व दाउरा बना कर जीविकोपार्जन करते हैं. टोला के महिला-पुरुष बांस के तरह-तरह के समान बना कर अच्छी आमदनी करते हैं. उनके द्वारा सुप, दाउरा के अलावा टोकरी, पंखा, डलिया बना कर बाजार में बेचते हैं. उक्त तैयार होने वाले समान को 100 से 300 रुपये तक बेचते हैं. प्रत्येक माह आठ से दस हजार की आमदनी करते हैं. उक्त कार्य कर लोग बेहतर शिक्षा दे रहे हैं. इस टोला की आबादी करीब 150 हैं. सभी तुरी जाति के लोग हैं. उक्त सामग्री बनाने के साथ-साथ थोड़ा बहुत खेती बारी करते हैं. व्यापारी आते हैं गांव तैयार सुप-दाउरा की खरीदारी करने पत्थलगड्डा, सिमरिया, चतरा, टंडवा समेत कई जगह से व्यापारी यहां पहुंचते हैं. व्यापारियों के द्वारा अच्छी कीमत दी जाती हैं. व्यापारी यहां से सामग्री खरीद कर बड़े-बड़े मंडियों में ले जाकर बेचते हैं. लोगो ने कहा फोगनी देवी ने कहा कि घर की स्थिति खराब थी. बेरोजगारी का दंश झेल रही थी. पूर्वज का दिया हुआ हुनर का इस्तेमाल कर सुप दउरा बनाने लगी. इससे हर माह आठ हज़ार रुपये की आमदनी होती हैं. अनवा देवी, कलवा देवी, शनिचरी देवी, एतवारिया देवी, बर्फी देवी ने कहा कि पहले जंगल मे बांस आसानी से मिल जाता था. जिससे कम दाम में बेचकर अच्छी कमाई होती थी. लेकिन अब बाहर से बांस खरीदना पड़ता है. इससे सुप दउरा बनाकर बेचना पड़ता है. महेश तुरी, हेमराज तुरी, सोना तुरी, बिनोद तुरी ने कहा कि हस्त शिल्प विकास योजना के तहत रोजगार दिया जाय तो यहां के लोग बेहतर काम कर स्वालंबन बन सकते है. लोगो ने सरकार से योजनाओं का से लाभांवित करने की मांग की.

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