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चतरा में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, बिना शिक्षक के इंटर के तीनों संकाय हो रही हैं संचालित

वर्ष 2017 से विद्यालय में इंटर में नामांकन शुरू हुआ. विद्यालय काे जब से अपग्रेड किया गया है, तब से एक भी शिक्षक इंटर के नहीं मिले हैं. वर्तमान में इंटर में 559 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं.

बिहारी कुमार, प्रतापपुर:

एक ओर सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने व बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है. राजकीयकृत उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय कौरा में बिना शिक्षक के इंटर की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. शिक्षक नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यार्थी प्रतिदिन विद्यालय पहुंच कर समय व्यतीत कर लौट रहे हैं. उन्हें किसी तरह की शिक्षा नहीं मिल पा रही है. शिक्षक नहीं रहने के कारण कुछ बच्चे ही विद्यालय पहुंचते हैं. इस तरह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय का प्लस टू में अपग्रेड वर्ष 2015 में किया गया था.

वर्ष 2017 से विद्यालय में इंटर में नामांकन शुरू हुआ. विद्यालय काे जब से अपग्रेड किया गया है, तब से एक भी शिक्षक इंटर के नहीं मिले हैं. वर्तमान में इंटर में 559 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. जिसमें 11वीं कक्षा में 290 व 12वीं कक्षा में 269 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. यहां तीनों संकाय साइंस, आर्ट्स व कॉमर्स में नामांकित हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं. बच्चे सिर्फ रजिस्ट्रेशन, नामांकन, परीक्षा फॉर्म व परीक्षा के समय विद्यालय पहुंचते हैं. हाई स्कूलों के शिक्षकों द्वारा ही रजिस्ट्रेशन, नामांकन व अन्य कार्य किया जाता है, जिसके कारण जूनियर कक्षा की पढ़ाई भी बाधित होती है.

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मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं मिला शिक्षक

स्कूल का नया भवन बना, लेकिन शिक्षक नहीं मिला है. सात अगस्त 2023 को राज्य के श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोगता ने नये भवन का उदघाटन किया था. उदघाटन कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने बैनर लगा कर पढ़ाई की स्थिति की पोल खोल कर रख दी थी. मंत्री से शिक्षक बहाल करने की मांग की गयी थी, जिसपर मंत्री ने जल्द शिक्षकों की समस्या दूर करने का आश्वासन दिया था, लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त नहीं किया गया.

किसी विषय की पढ़ाई नहीं होती है: छात्र

इंटर की छात्रा रिया कुमारी ने कहा कि शिक्षक नहीं रहने से पढ़ाई नहीं हो पा रही है. घर में जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे हैं. रिमझिम कुमारी ने कहा कि कोई भी विषय की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. विद्यालय जाकर खुद पढ़ाई कर घर लौटना पड़ता है. ऋषिकांत कुमार, अमित कुमार, अनमोल कुमार, सबाना परवीन समेत अन्य विद्यार्थियों ने कहा कि विद्यालय को सिर्फ अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन एक भी शिक्षक नहीं हैं. पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है. सेल्फ स्टडी कर परीक्षा लिखनी पड़ती है. सिलेबस भी पूरा नहीं कर पाते हैं. आधा-अधूरा पढ़ाई कर परीक्षा में शामिल होना पड़ता है. विद्यालय में बैठने के लिए समुचित मात्रा में बेंच डेस्क भी नहीं हैं.

बच्चों की पढ़ाई हो रही है बाधित: प्रधानाध्यापक

प्रधानाध्यापक मंतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि विद्यालय को अपग्रेड करने के बाद से इंटर की पढ़ाई के लिए एक भी शिक्षक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है. कई बार शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों को पत्र भेज कर शिक्षक की मांग की गयी. शिक्षक नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही हैं.

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