चतरा में इमरजेंसी मरीजों को रात में नहीं मिलती है ब्लड
जिले में लगभग 60 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे हैं, जिन्हें 20-30 दिनों के अंतराल में ब्लड की आवश्यकता पड़ती हैं. जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों का ब्लड बैंक सुचारू रूप से संचालन कराने की ओर ध्यान नहीं हैं.
दीनबंधु/तसलीम, चतरा :
जिले के एक मात्र भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी भवन में संचालित ब्लड बैंक इन दिनो भगवान भरोसे चल रहा हैं. ब्लड बैंक में लैब टेक्निशियन का घोर अभाव है. सप्ताह के दो दिन बिना लैब टेक्निशियन के ब्लड बैंक का संचालन हो रहा हैं. वर्तमान में यहां मात्र एक लैब टेक्निशियन सुमन कुमारी हैं, जिनका सोमवार व बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चतरा में ड्यूटी होता हैं. लैब टेक्निशियन सुमन कुमारी सप्ताह में पांच दिन सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक ड्यूटी देती हैं. जिसके कारण ब्लड बैंक संचालन में काफी परेशानी हो रही हैं. लोगों को समय पर ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं. जबकि ब्लड बैंक का संचालन 24 घंटे करना हैं, लेकिन टैब टेक्निशियन के अभाव के कारण मरीजों को ब्लड बैंक का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं.
लोगो को सुबह, शाम व रात में ब्लड नहीं उपलब्ध हो पा रहा हैं. ब्लड संग्रह कार्य में भी दिक्कत हो रही हैं. देर रात किसी को ब्लड की जरूरत पड़ती हैं, तो ब्लड नहीं मिल पाता है. ब्लड के लिए दूसरे शहरों की ओर रूख करना पड़ता हैं. इमरजेंसी में मरीजों को रात में ब्लड उपलब्ध नहीं हो पाता हैं. रक्त के लिए भटकना पड़ रहा हैं. मालूम हो कि जिले में लगभग 60 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे हैं, जिन्हें 20-30 दिनों के अंतराल में ब्लड की आवश्यकता पड़ती हैं. जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों का ब्लड बैंक सुचारू रूप से संचालन कराने की ओर ध्यान नहीं हैं.
इन्हें होती हैं ब्लड की जरूरत : थैलेसीमिया, ऐनिमिक, सिकलसेल एनिमिया मरीज के अलावा डेंगू मरीज, ऑपरेशन, वृद्ध, घटना व दुर्घटना में घायल लोग, गर्भवती महिलाओं समेत अन्य मरीजो को हमेशा रक्त की जरूरत पड़ती हैं. वर्तमान में ब्लड बैंक में 30 यूनिट ब्लड हैं.
कैंप कार्य हो रहा हैं प्रभावित :
ब्लड बैंक में लैब टेक्निशियन के अभाव के कारण रक्तदान शिविर भी प्रभावित हो रहा हैं. ब्लड बैंक में एक मात्र लैब टेक्निशियन होने के कारण शिविर में जाने में दिक्कत होती हैं. शिविर में चली गयी तो ब्लड बैंक बिना लैब टेक्निशियन के हो जाता हैं. इस दौरान मरीजों को ब्लड उपलब्ध नहीं हो पाता हैं.