लातेहार : जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर सदर प्रखंड के आरागुड़ी पंचायत के कोलहेरूवा गांव के ग्रामीण आज भी ढ़ोडहा (नाला) का पानी पीते हैं. आदिवासी बहुल इस गांव में शुरू से पीने के पानी की किल्लत रही है. पेयजल विभाग इस गांव को सूखा (ड्राइ) क्षेत्र मानता है.
इस गांव में चार कुआं हैं, लेकिन गर्मी में पानी को लेयर काफी नीचे चला जाता है. वर्तमान में सभी कुएं पूरी तरह सूख चुके हैं. गांव के लोगों को बरसात के अलावा गर्मी के तीन से चार माह एक किमी दूर रानीदह ढ़ोडहा से पानी लाना पड़ता है.
गांव की जामो देवी, फुदवा देवी, देवनती देवी, सिनो देवी, रूदवा देवी, देवलाल उरांव, जयमंगल उरांव व जयराम उरांव ने बताया कि 50 घरों के इस गांव में चार कुआं हैं. गर्मी में सभी कुएं सूख जाते हैं. ढ़ोडहा का पानी भी काफी गंदा रहता है. लेकिन मजबूरी में पानी लाना पड़ता है. किसी प्रकार की कोई बीमारी न हो, इस बात को ध्यान में रख कर पानी को उबाल कर पीने में उपयोग करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि आसपास के कई गांवों में जलमीनार लगायी गयी है, लेकिन इस गांव के लोग इस सुविधा से वंचित हैं.
कार्यपालक अभियंता ने कहा
पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार ठाकुर ने इस संबंध में कहा कि कोलहेरूवा गांव सूखा क्षेत्र में आता है. कई बार चापानल के लिए बोरिंग करायी गयी, लेकिन सफलता नहीं मिली है. रानीदह ढ़ोडहा के पानी को सोलर के माध्यम से गांव में पहुंचाने की योजना बना कर गांव में पानी पहुंचाया जायेगा.
Posted by : Pritish Sahay