पत्थलगड्डा. प्रखंड के सभी आहर, तालाब सूख गये हैं, जिसके कारण मत्स्य पालकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. प्रखंड के कई मत्स्य पालक मछली पालन कर अपने व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, लेकिन आहर व तालाब के सूख जाने से मछली पालन बंद हो गया है. प्रखंड में हर वर्ष 15 सरकारी तालाबों की बंदोबस्ती होती है, जिससे सरकार को राजस्व प्राप्ति होती है. पिछले वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण तालाब व आहर में पानी जमा नहीं हो पाया था. इस कारण समय से पूर्व ही कई तालाब व आहर सूख गये. मत्स्य पालक राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि मछली मार कर हर साल अच्छी आमदनी करते थे, लेकिन दो-तीन साल से पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण समय से पहले ही तालाब सूख जा रहा है. मछली पालन नहीं कर पा रहे हैं. नावाडीह मत्स्य जीवी स्वावलंबी सहयोग समिति के अध्यक्ष तारकेश्वर राणा ने बताया कि हर वर्ष मत्स्य विभाग से तालाब बंदोबस्त कराते हैं. मत्स्य पालन नहीं होने के बाद भी सरकार को राशि जमा करना पड़ता है. श्री राणा ने प्रखंड के नावाडीह झील आहर को गहरा कराने के लिए पहल करने की मांग की है.
चिलचिलाती धूप में स्कूल से घर लौट रहे हैं बच्चे
चतरा. जिले में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. तेज धूप व गर्मी से लोग परेशान हैं. इसके बाद भी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय खोल दिये गये हैं. जिससे बच्चों को तेज धूप में विद्यालय से घर लौटने में काफी परेशानी हो रही है. लू लगने का डर बना रहता है. गर्म हवा के कारण बच्चे सुस्त पड़ रहे हैं. स्थिति यह है कि दिन के नौ बजते ही गर्म हवा चलने लगती है. चौक-चौराहो पर सन्नाटा पसर जाता है. कई अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं. तापमान में गिरावट आने का इंतजार कर रहे हैं. अभिभावकों ने जिला प्रशासन व सरकार से भीषण गर्मी को देखते हुए कुछ दिन और अवकाश घोषित करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है