प्रभात खबर का असर: CM हेमंत सोरेन के निर्देश पर चतरा के 21 कंप्यूटर ऑपरेटरों का तबादला
सीएम हेमंत सोरेन ने प्रभात खबर की छपी खबर पर संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री के निर्देश का असर ये हुआ कि चतरा के 21 कंप्यूटर ऑपरेटरों का तबादला कर दिया गया.
मो. तस्लीम, रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीसरी बार सत्ता सभालते ही एक्शन मोड में आ गये हैं. बीते दिनों उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और काम में तेजी लाने का निर्देश दिया. इसके अलावा वे सोशल मीडिया एक्स पर आने शिकायतों का तुरंत निबटारा कर रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम हेमंत ने प्रभात खबर में छपी खबर पर संज्ञान लिया है. दरअसल कुछ दिनों पहले प्रभात खबर ने खबर प्रकाशित की था कि चतरा के सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर ऑपरेटर अवैध वसूली कर रहे हैं. खबर प्रकाशित होने के साथ ही मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्त को जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
21 कंप्यूटर ऑपरेटरों का तबादला
मुख्यमंत्री के निर्देश प्राप्त होते ही चतरा जिला प्रशासन हरकत में आ गया और एक ही जगह वर्षों से जमे 21 कंप्यूटर ऑपरेटरों का तबादला कर दिया. चतरा उपायुक्त ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है. साथ ही वरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यालयों का निरीक्षण करें और लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करें. डीसी ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि आम जनता को बेवजह परेशान करने वाले कर्मियों और अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होगी. साथ ही सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे आमजनों की समस्या गंभीरता से सुनें और उसका ससमय निष्पादन करें.
अवैध वसूली करने वालों में मचा हड़कंप
मुख्यमंत्री के निर्देश का असर ये हुआ कि अवैध वसूली करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटरों में हड़कंप मचा है. कई पदाधिकारी मामले की जांच करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कर्मियों को सख्त हिदायत दी है कि अवैध वसूली करने वाले सुधर जाएं नहीं तो कड़ी कार्रवाई होगी.
क्या है मामला
बता दे कि 10 जून को प्रभात खबर के अंक में खबर प्रकाशित हुआ था कि चतरा के सरकारी कार्योलयों में इन दिनो कंप्यूटर ऑपरेटरों की चांदी है. कई लोग एक ही कार्यालय में वर्षो से जमे हुए हैं. बिना पैसे के कोई काम नहीं करते हैं. पैसा नहीं देने वालों को बेवजह परेशान किया जाता हैं. जिससे आम लोग परेशान हैं. कंप्यूटर ऑपरेटरों की इस मनमानी से आम लोगों का काम समय पर नहीं हो पाता है. स्थिति ये है कि 10 से 15 हजार मानदेय उठाने वाले कई कंप्यूटर ऑपरेटर आज लाखों की संपत्ति अर्जित कर लिये हैं. आवासीय, जाति, आय, जन्म, मृत्य प्रमाण पत्र, म्यूटेशन, राशन कार्ड, जमीन संबंधित शुद्धिकरण, मनरेगा संबंधित कार्य, आवास कार्य समेत अन्य कार्यो के लिए ग्रामीणों से रिश्वत ली जा रही है.