हिंदू धर्म की रक्षा तब होगी, जब गाय की रक्षा होगी : गोपाल मणि जी
हरताला तालाब स्थित गोशाला में चल रहे पांच दिवसीय धेनुमानस गो कथा का सोमवार को हवन और भंडारा के साथ समापन हुआ. दूर-दूर से लोग भंडारा में प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे थे
चतरा. हरताला तालाब स्थित गोशाला में चल रहे पांच दिवसीय धेनुमानस गो कथा का सोमवार को हवन और भंडारा के साथ समापन हुआ. दूर-दूर से लोग भंडारा में प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे थे. धेनुमानस गो कथा के अंतिम दिन अपने प्रवचन में गोपाल मणि जी ने कहा कि हिंदू धर्म की रक्षा तब होगी, जब गाय की रक्षा होगी. दुनिया का सबसे बड़ा तप गाय की सेवा करना है. जिस स्थान पर गाय बैठती हैं वह तीर्थस्थल बन जाती है. गाय से ही सभी सत्कर्म सिद्ध होता है. जिस घर व दिल में घर रहती है, वह कभी नहीं मर सकता. सभी सत्कर्म गाय के गोबर से ही होता हैं. गोपाल मणि ने कहा कि जिस दल ने अपने घोषणा पत्र में गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने की बात कहकर वोट मांगा और वे उसे भूल गये है, जिसके कारण सभी शंकराचार्य व ऋषि मुनि नाराज हैं. यही वजह हैं कि राम मंदिर के उद्घाटन में कोई भी शंकराचार्य में नहीं पहुंचे. उन्होंने उपस्थित लोगो से कहा कि जो दल गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलायेगा, उसे ही अपना वोट देना. देश में हर रोज एक लाख से अधिक गाय की हत्या हो रही है. कार्यक्रम में धर्मगुरु हठयोगी जी महाराज, गंगाधर शास्त्री, श्रीराम शास्त्री, गोशाला अध्यक्ष विद्यासागर आर्य, सचिव जितेंद्र पाठक, कोषाध्यक्ष सुशील सिंह, आलोक रंजन, नीतेश कुमार आदि उपस्थित थे.
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