गर्भवती महिला की गयी जान, परिजनों ने किया हंगामा
चिकित्सक व एनएनएम पर लगाया लापरवाही का आरोप
: चिकित्सक व एनएनएम पर लगाया लापरवाही का आरोप : बिना पोस्टमार्टम के शव भेजा गया घर चतरा. सिमरिया रेफरल अस्पताल में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से एक गर्भवती महिला की जान चली गयी. मृतका की पहचान 29 वर्षीया सुनीता देवी (पति राजेश गंझू) के रूप में की गयी, जो लावालौंग प्रखंड की हेड़ुम पंचायत के बाहागड़ा गांव की रहने वाली थी. महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पहुंच कर हंगामा किया. परिजन चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी पर लापरवाही बरने का आरोप लगा रहे थे. परिजनों ने कहा कि समय से पहले प्रसव कराने व समय पर रेफर नहीं किये जाने के कारण सुनीता देवी की मौत हुई है. परिजनों ने बताया कि सुनीता देवी को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बुधवार को दिन के करीब 10 बजे लेकर रेफरल अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान अस्पताल में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें बताया कि अल्ट्रासाउंड करने की जरूरत नहीं है. बताया कि प्रसव का समय पूरा हो गया है, जबकि महिला को कोई प्रसव पीड़ा नहीं थी. बगैर जांच किये जबरन प्रसव कराने लगे. इसके बाद महिला को स्लाइन लगा दिया गया. इसी बीच रात करीब आठ बजे महिला की स्थिति बिगड़ गयी. स्थिति अधिक बिगड़ने पर चिकित्सा प्रभारी डॉ अशोक करमाली ने महिला को हजारीबाग रेफर कर दिया. हजारीबाग ले जाने के दौरान रास्ते में ही महिला की मौत हो गयी. परिजन वापस अस्पताल पहुंचे और जम कर हंगामा किया. वे चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई करने की मांग करने लगे. इस दौरान चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने परिजनों को डरा धमका कर बिना पोस्टमार्टम के ही शव को घर ले जाने को कहा. चिकित्सा प्रभारी ने कहा चिकित्सा प्रभारी डॉ अशोक करमाली ने कहा कि दिनभर महिला की स्थिति ठीक थी. शाम को उनकी स्थिति को देखते हुए यहां से हजारीबाग रेफर किया गया. जिन चिकित्सक, एएनएनम व स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही बरतने की बात कही जा रही है, उन्हें शो कॉज किया गया है. संतुष्ट जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. लचर व्यवस्था को सुदृढ़ किया जायेगा.
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