आठ वर्षों से टूटा पड़ा है चतरा टंडवा का जयप्रकाश डैम, बंजर पड़ी है कई एकड़ भूमि, मायूस हैं किसान
प्रखंड के टंडवा में स्थित जयप्रकाश डैम के टूटने से कई एकड़ भूमि बंजर पड़ी है. करीब एक दर्जन गांव के किसान खेतों को सिंचित नहीं कर पा रहे हैं. डैम आठ वर्ष पूर्व भारी बारिश में टूट गया था
चतरा : प्रखंड के टंडवा में स्थित जयप्रकाश डैम के टूटने से कई एकड़ भूमि बंजर पड़ी है. करीब एक दर्जन गांव के किसान खेतों को सिंचित नहीं कर पा रहे हैं. डैम आठ वर्ष पूर्व भारी बारिश में टूट गया था, तभी से टंडवा, घुज्जी, कल्याणपुर, योगिडीह, शंकरपुर समेत दर्जनों गांव के किसान ठीक तरह से खेती नहीं कर पा रहे हैं. इसके पूर्व डैम में पानी रहने से किसान तीन फसल समेत साग-सब्जी भी उगाते थे. मजबूरी में उक्त गांव के किसान काम की तलाश में दूसरे प्रदेश जा रहे हैं. डैम 50 एकड़ में फैला हुआ है.
डैम का निर्माण 1961 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर किया गया था. डैम बनने से किसान धान, गेहूं, चना, मूंग समेत अन्य नकदी फसल उगा कर अच्छी आमदनी करते थे. इस दौरान में डैम टूट गया था. लघु सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2013 में 71 लाख की लागत से डैम का जीर्णोद्धार कराया गया था. एक वर्ष के बाद 2014 में तेज बारिश व डैम में अधिक पानी के कारण टूट गया था. आज डैम समतल मैदान बना हुआ है. डैम में पानी नहीं है. किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. कई किसान क्षेत्र से पलायन भी कर चुके हैं.
मंत्री के आदेश पर डीएओ किया था निरीक्षण :
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के निर्देश पर वर्ष 2021 में जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने डैम का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान डैम की भौतिक स्थिति से मंत्री को अवगत कराया था. मंत्री ने डैम बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आजतक डैम की मरम्मत नहीं करायी गयी.