87 पंचायतों में नहीं खुल पायेगा जन औषधि केंद्र, जानें क्या है इसकी बड़ी वजह
जिले की अधिकतर पंचायतों में जन औषधि केंद्र नहीं खुल पाया है, जिसके कारण पंचायत के लोगों को आसानी से दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
जिले की अधिकतर पंचायतों में जन औषधि केंद्र नहीं खुल पाया है, जिसके कारण पंचायत के लोगों को आसानी से दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. झारखंड सरकार ने गरीब व असहाय लोगों को आसानी से व सस्ते दर में दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोलने का निर्णय लिया है. जिले की 154 पंचायतों में से मात्र 67 पंचायत में ही केंद्र खोलने के लिए अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है.
हंटरगंज, इटखोरी, पत्थलगड्डा, प्रतापपुर, कुंदा व टंडवा प्रखंड में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन नहीं किया गया है. 87 पंचायतों के लिए आवेदन नहीं किया गया हैं. केंद्र खोलने में पदाधिकारी कोई भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. पांच हजार से कम आबादी वाली पंचायत में एक और उससे अधिक आबादी वाली पंचायतों में दो केंद्र खोलने का प्रावधान है.
15 दिसंबर 2021 तक केंद्र खोलना था. कुछ पंचायतों में लोगों ने रुचि लेकर केंद्र खोला. कई पंचायत के लोगों ने बताया कि जानकारी नहीं होने के कारण आवेदन नहीं कर पाये हैं. यही वजह है कि अधिकतर पंचायतों में केंद्र खोलने के लिए आवेदन नहीं दिया गया है. सरकार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि जनहित में पंचायतों के सुदूर गांवों में रजिस्टर्ड लाइसेंस निर्गत किया जायेगा. जहां वैसी औषधियों की बिक्री की जायेगी, जिसमें फार्मासिस्ट की उपस्थिति अनिवार्य नहीं हैं.
इस योजना से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवास कर रहे ग्रामीणों को ससमय औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी व गांव के शिक्षित ग्रामीणों को रोजगार व आय के स्त्रोत में वृद्धि आयेगी. इसके लिए पंचायत की मुखिया व पंचायत सचिव को आवेदन करने की बात कही गयी है. चतरा, लावालौंग, गिद्धौर, कान्हाचट्टी, सिमरिया व मयूरहंड प्रखंड में केंद्र खोलने के लिए 67 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है.
क्या कहते हैं औषधि निरीक्षक
औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा ने कहा कि अबतक 67 आवेदन प्राप्त हुआ हैं. जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद केंद्र खोला जायेगा. 20 जनवरी तक अनुज्ञप्ति निर्गत की जायेगी.