चतरा : बागवानी योजना में मजदूर की बजाय जेसीबी मशीन का हो रहा है उपयोग
योजना के तहत उक्त कार्य मजदूरों से कराया जाना है, लेेकिन जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है. योजना में मशीन से काम कराने से मनरेगा मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है
मनरेगा से संचालित योजनाओं में मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन से काम किया जा रहा है, जिसके कारण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. उरैली पंचायत के निलंजना नदी के किनारे स्थित तरी पर मदन यादव के खेत में मनरेगा के तहत संचालित आम बागवानी योजना में मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है. पौधरोपण के लिए जेसीबी से गड्ढा खोदा जा रहा है. चार लाख 19 हजार की लागत वाली योजना है.
योजना के तहत उक्त कार्य मजदूरों से कराया जाना है, लेेकिन जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है. योजना में मशीन से काम कराने से मनरेगा मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है, जिसके कारण यहां के मजदूर पलायन को मजबूर हैं. हालांकि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योजनाएं चला रही है, लेकिन मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.
मनरेगा के पदाधिकारी व लाभुक की मिलीभगत से मनरेगा में जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है. प्रखंड की अन्य जगहों पर भी मनरेगा से संचालित योजनाओं में जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है. रोजगार सेवक अनूप समदर्शी ने बताया कि योजना का जियो टैग नहीं हुआ है. योजना में जेसीबी मशीन का इस्तेमाल की जानकारी नहीं है.