गांव के 60 बच्चों को बिना पैसा लिये ही पढ़ा रहा है चतरा का दिव्यांग उपेंद्र
उसके घर की खराब माली हालत अच्छी नहीं है. उसने गांव के गरीब बच्चों की भावनाओं को समझते हुए उन्हें नि:शुल्क ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. अभी वह गांव के कक्षा एक से आठ तक के करीब 60 बच्चों को बिना पैसा लिये पढ़ा रहा है.
चतरा : प्रखंड के लारालुटुदाग गांव का दिव्यांग उपेंद्र कुमार दूसरों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है. वह पैर व हाथ से दिव्यांग हैं. उसने इंटर तक की पढ़ाई की है. आगे भी पढ़ाई कर रहा है. अपने पिता तालू यादव का इकलौता पुत्र है. उसे कहीं आने-जाने के लिए दूसरों का सहारा लेना पड़ता है. सरकारी सुविधा के रूप में मात्र विकलांगता पेंशन मिल रही है.
उसके घर की खराब माली हालत अच्छी नहीं है. उसने गांव के गरीब बच्चों की भावनाओं को समझते हुए उन्हें नि:शुल्क ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. अभी वह गांव के कक्षा एक से आठ तक के करीब 60 बच्चों को बिना पैसा लिये पढ़ा रहा है.
उपेंद्र ने कहा कि जब वह छोटा था, तो लोग उसकी दिव्यांगता का मजाक उड़ाते थे. उसी वक्त कुछ करने का मन बनाया. लगातार पढ़ाई कर आगे बढ़ा. सत्यानंद भोगता इंटर कॉलेज ऊंटा से इंटर तक की पढ़ाई की. गांव के गरीब व असहाय बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए ट्यूशन पढ़ाने लगा. लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग ग्रुप बना कर बच्चों को पढ़ा रहा है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उसने तीन पहिया वाहन के लिए कई बार कल्याण विभाग में आवेदन दिया, लेकिन अभी तक ध्यान नहीं दिया गया. सांसद, विधायक व जिला प्रशासन से तीन पहिया वाहन उपलब्ध कराने की मांग की है.