हंटरगंज. अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कौलेश्वरी पर्वत इन दिनों विदेशी पर्यटकों से गुलजार है. हर दिन काफी संख्या में तिब्बत, नेपाल, भूटान, मलेशिया, श्रीलंका, इंग्लैंड के अलावा कई बुद्धिस्ट देशों से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. बाल व नाखून कटवा कर जिंदा रहते अपना अंतिम संस्कार करा रहे हैं. हर वर्ष दिसंबर माह में यहां विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. अपने धर्म की किताबें पढ़ते हैं और डमरु पूजा करते हैं. पर्यटक आकाश लोचन पर अपने-अपने देश का झंडा लगा रहे हैं. कौलेश्वरी पर्वत तीन धर्म (सनातन, बौद्ध व जैन) का संगम स्थल है. विदेशी पर्यटक पर्वत पर स्थित सरोवर, मड़वा मड़ाई, आकाश लोचन, पत्थर में तराशा हुआ भगवान बौद्ध का कलाकृति देखकर काफी रोमांचित होते हैं. यहां की मनमोहक आकर्षक दृश्य को कैमरे में कैद कर अपने-अपने देश ले जाते हैं. कौलेश्वरी पर्वत चारों ओर जंगल पहाड़ों से घिरा हुआ है. हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है. कौलेश्वरी पर्वत पर स्थित सरोवर कभी नहीं सूखता है, जो काफी मनमोहक है. विदेशी पर्यटक बोधगया से 49 किमी की दूरी तय कर कौलेश्वरी पर्वत पर पहुंचते हैं.
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