सेंचुरी एरिया में अवैध रूप से हो रही केंदू पत्ता की खरीदारी
जिले के सेंचुरी एरिया से अवैध रूप से केंदू पत्ता (बीड़ी पत्ता) की खरीदारी की जा रही हैं. लावालौंग व कुंदा प्रखंड के प्रतिबंधित क्षेत्र में केंदू पत्ता की खरीदारी हो रही हैं.
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चतरा, पलामू व अन्य जगह के ठेकेदार कर रहे पत्ते की खरीदारी
चतरा. जिले के सेंचुरी एरिया से अवैध रूप से केंदू पत्ता (बीड़ी पत्ता) की खरीदारी की जा रही हैं. लावालौंग व कुंदा प्रखंड के प्रतिबंधित क्षेत्र में केंदू पत्ता की खरीदारी हो रही हैं. क्षेत्र में कई खलिहान खोल कर पत्ते की खरीदारी की जा रही हैं. वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में लकड़ी से लेकर अन्य सामानों की कटाई व तोड़ाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. वहां ठेकेदारों द्वारा पत्ते की खरीदारी की जा रही है. हर वर्ष की तरह इस बार भी चतरा, पलामू व अन्य जगह के ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से पत्ते की खरीदारी की जा रही है. हर वर्ष करोड़ रुपये की पत्ते की खरीदारी की जाती है. वन विभाग के पदाधिकारी की मिलीभगत से ठेकेदारों द्वारा खरीदारी की जाती है. करीब 10 दिनों से पत्ते की खरीदारी की जा रही है. अब तक लाखों रुपये के पत्ते की खरीदारी हो चुकी है. सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों की आड़ में पत्तों की खरीदारी की जाती है. इसके बदले नक्सलियों द्वारा मोटी रकम लेवी के रूप में वसूला जाता है. कुछ ठेकेदार उक्त क्षेत्र में प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर के जंगल का टेंडर लेकर अवैध रूप से सेंचुरी एरिया में खरीदे गये पत्ते को खपाते हैं. इतना ही नहीं मजदूरों का शोषण भी किया जाता है. उन्हें सही मजदूरी भी नहीं दी जाती है. गांव के महिला-पुरुष जंगलों से चिलचिलाती धूप में पत्ता तोड़कर लाते हैं. एक-एक पत्ता सजा कर खलिहान में ले जाकर बेचते हैं. इसके बावजूद उन्हें सही मजदूरी नहीं मिलती है. वहीं वन विभाग द्वारा एक-दो एफआइआर कर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. वनों की कटाई व वन भूमि पर अवैध कब्जा किये जाने के कारण लावालौंग वन्य प्राणी आश्रयणी का क्षेत्र दिन प्रतिदिन सिमटता जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है