: एक सीजन भी नहीं मिला लाभ, लोग पानी के लिए कर रहे हैं संघर्ष प्रकृति की मार: समय से पहले सूख गया हेरू डैम, पड़ी दरारें चतरा. शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली हेरू डैम के गहरीकरण व जीर्णोद्धार के नाम पर सिर्फ़ खानापूरी की गयी है. एक साल भी डैम गहरीकरण का लाभ शहर के लोगों को नहीं मिला. फरवरी माह के अंत में ही हेरू डैम पूरी तरह से सूख गया. वर्तमान में डैम में दरारें पड़ी हुई हैं. शहरवासियों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. एक साल पूर्व ही 2023 में लगभग दो करोड़ 76 लाख की लागत से पूजा कंस्ट्रक्शन द्वारा हैरू डैम का गहरीकरण व जीर्णोद्धार कराया गया था. जैसे-तैसे काम कर राशि की निकासी कर ली गयी. डैम के गहरीकरण के बाद डैम में अत्यधिक पानी का जमाव होने की उम्मीद थी और शहर के लोगों को पेयजल संकट से निजात मिलने की उम्मीद थी. लेकिन गहराई सही से नहीं होने के कारण कोई लाभ नहीं मिला. स्थानीय लोगों की मानें, तो प्राक्कलन के अनुसार काम नहीं किया गया. बता दें कि हैरू डैम का निर्माण 1974 में किया गया था. इसके बाद पहली बार डैम का गहरीकरण कराया गया था, लेकिन एक सीजन भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिला. गर्मी शुरू होते ही जवाब दे दिया. इसके पूर्व 2016 में एनटीपीसी द्वारा कुछ कार्य किया गया था, उसमें भी खानापूरी की गयी थी. लोगों ने उपायुक्त व राज्य सरकार से हेरू डैम का जीर्णोद्धार व गहरीकरण मामले की जांच कर संवेदक व संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की.
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