जर्जर आवास को छोड़ कुरहा में रह रहे हैं चतरा के बिरहोर, सरकार पर उठाया गंभीर सवाल
प्रखंड के सोहर में बिरहोरों का 15 परिवार रहता है. सभी बिरहोर जर्जर आवास में रहने को विवश हैं. 30 वर्ष पूर्व बना बिरसा आवास पूरी तरह जर्जर हो गया है.
चतरा : प्रखंड के सोहर में बिरहोरों का 15 परिवार रहता है. सभी बिरहोर जर्जर आवास में रहने को विवश हैं. 30 वर्ष पूर्व बना बिरसा आवास पूरी तरह जर्जर हो गया है. खिड़की टूट गया है. प्लास्टर टूट-टूट कर गिर रहा है, जिसके कारण बिरहोर आवास में कम व कुरहा में अधिक समय बिताते हैं.
बरसात के दिनों में सबसे अधिक परेशानी होती है. हमेशा पानी टपकता रहता है. भीगी जमीन में अपने छोटे-छोटे बच्चो के साथ रहते हैं, जिसके कारण बिरहोर व उसके बच्चे हमेशा बीमार पड़ते रहते हैं. जर्जर आवास के बगल में शौचालय बनाया गया था, वह भी जर्जर हो गया है. कई बार बिरहोरों ने बीडीओ से आवास की मांग की, लेकिन आवास नहीं बना.
आवास नहीं रहने के कारण यहां से दो बिरहोर बालेश्वर बिरहोर व जगदीश बिरहोर पलायन कर गये हैं. दोनों हजारीबाग के सुल्ताना में रह रहे हैं. यहां के बिरहोर पूरी तरह से जंगल पर ही निर्भर है. जंगल में खरगोश, जंगली मुर्गी, मुर्गा, तीतर मार कर जीविका चला रहे है. कई महिला बिरहोर दातुन, पत्तल बेच कर परिवार चलाती हैं. बिरहोरों को जीविकोपार्जन के लिए सरकार द्वारा जमीन भी नही दी गयी है.
सूची तैयार हो रही है: डीडब्ल्यूओ :
डीडल्यूओ गोरांग महतो ने कहा कि बीडीओ द्वारा प्रस्ताव भेजने पर बिरहोरों के लिए आवास मुहैया कराया जायेगा. जिले में जर्जर आवास में रह रहे बिरहोरो की सूची तैयार की जा रही है. सभी को आवास का लाभ दिया जायेगा.