मनाही के बाद भी नदियों से हो रहा है बालू का उठाव, NGT ने लगायी है 15 अक्तूबर तक रोक
सरकारी व गैर सरकारी भवनों के निर्माण के अलावा पीसीसी सड़क में भी अवैध रूप से उठाये गये बालू का उपयोग किया जा रहा है. रेलवे ठेकेदार द्वारा पुलिया निर्माण में भी अवैध बालू का उपयोग किया जा रहा है
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मनाही के बाद भी जिले में नदियों से बालू का उठाव व तस्करी बदस्तूर जारी है. हर रोज बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बालू का उठाव किया जा रहा है, जिससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. धड़ल्ले से बालू का उठाव होने से नदियों का अस्तित्व खतरे में हैं. एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्तूबर तक नदियों से बालू के उठाव पर रोक लगायी है. इसके बाद भी बालू उठाव व तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. बालू उठाव पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए समय-समय पर बैठक हो रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से बालू माफियाओं पर कोई असर नहीं दिख रहा है.
प्रतिदिन बालू का उठाव का ट्रैक्टर से दूसरी जगह भेजा जा रहा है. जिले में संचालित कई प्रोजेक्टों में भी बालू पहुंचाया जा रहा है. सरकारी व गैर सरकारी भवनों के निर्माण के अलावा पीसीसी सड़क में भी अवैध रूप से उठाये गये बालू का उपयोग किया जा रहा है. रेलवे ठेकेदार द्वारा पुलिया निर्माण में भी अवैध बालू का उपयोग किया जा रहा है. अवैध रूप से बालू का उठाव होने की जानकारी प्रशासन व टास्क फोर्स में शामिल पदाधिकारियों है, इसके बाद भी वे मौन हैं.
किसी तरह की कार्रवाई होने से बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. टंडवा में कई प्रोजेक्ट का काम चल रहा है, जिसमें अवैध बालू का उपयोग किया जा रहा है. उपायुक्त अबु इमरान ने एनजीटी के निर्देश का सख्ती से पालन कराने के लिए जिला व प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स में शामिल पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया है. इसके बाद भी बालू का अवैध रूप से उठाव जारी है. जिला व प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स कभी कभार अवैध रूप से बालू लदे एक-दो ट्रैक्टर को पकड़ कर सिर्फ खानापूरी कर रही है. जिले के हंटरगंज, गिद्धौर, चतरा, पत्थलगड्डा, कान्हाचट्टी, इटखोरी, टंडवा, सिमरिया, प्रतापपुर समेत अन्य प्रखंडों की नदियों से बालू का उठाव किया जा रहा है.