35 वर्षों से भाड़े के मकान में चल रहा है चतरा का मंधानियां स्वास्थ्य उपकेंद्र, 11 वर्षों से बेकार पड़ा है नया भवन

इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को कागजात व स्वास्थ्य उपकरण के रख-रखाव में भी दिक्कत हो रही है. यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र का संचालन वर्ष 1986 से किया जा रहा है. 1986 से 2003 तक गांव के ही परमेश्वर महतो के घर में किया गया. इसके बाद 2003 से एएनएम तारा देवी के घर के एक कमरे में संचालित है. एएनएम ने बताया कि वर्ष 2012 फरवरी माह से भवन का किराया का भुगतान भी लंबित है. उपकेंद्र का अपना भवन रहता, तो रोगियों के उपचार के साथ गर्भवती महिलाओं के प्रसव में सुविधा होती. भवन के अभाव में केंद्र का सामान रखने में भी परेशानी हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 4, 2021 2:06 PM
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चतरा : पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण मंधानियां स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र का संचालन 35 वर्षों से निजी मकान में संचालित किया जा रहा है. उपकेंद्र को अब तक अपना सरकारी भवन नसीब नहीं हो पाया है. भवन के अभाव में मरीजों का इलाज व महिलाओं को प्रसव कराने में काफी परेशानी हो रही है. महिलाओं को प्रसव के लिए इटखोरी, चौपारण व हजारीबाग जाना पड़ता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को कागजात व स्वास्थ्य उपकरण के रख-रखाव में भी दिक्कत हो रही है. यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र का संचालन वर्ष 1986 से किया जा रहा है. 1986 से 2003 तक गांव के ही परमेश्वर महतो के घर में किया गया. इसके बाद 2003 से एएनएम तारा देवी के घर के एक कमरे में संचालित है. एएनएम ने बताया कि वर्ष 2012 फरवरी माह से भवन का किराया का भुगतान भी लंबित है. उपकेंद्र का अपना भवन रहता, तो रोगियों के उपचार के साथ गर्भवती महिलाओं के प्रसव में सुविधा होती. भवन के अभाव में केंद्र का सामान रखने में भी परेशानी हो रही है.

11 वर्षों से बेकार पड़ा है भवन

11 वर्ष पूर्व स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण 13 लाख की लागत से भवन निर्माण प्रमंडल द्वारा किया गया, लेकिन आजतक स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया. देखरेख के अभाव में भवन जर्जर हो गया है. स्वास्थ्य केंद्र झाड़ियों में तब्दील हो गया है. भवन में लगे सीलिंग फैन, समरसेबल मशीन, चहारदीवारी की जाली, बिजली के बोर्ड व तार आदि की चोरी कर ली गयी. मंधनियां पंचायत के अलावा आसपास के करीब आठ हजार की आबादी स्वास्थ्य केंद्र पर आश्रित है.

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