कुंदा की नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बन जाते हैं टापू

: जलस्तर कम होने पर बच्चे नदी पार स्कूल जाते हैं

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2024 7:44 PM
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धर्मेंद्र गुप्ता कुंदा. कुंदा प्रखंड के कई गांव है, जो बरसात के दिनों में टापू बन जाते हैं. नदियों में पुल-पुलिया नहीं बनने से गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय के अलावा स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्र व स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा से कट जाता है. नदी का जलस्तर बढ़ने पर नदी पार जाने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. जलस्तर कम होने पर ही वे नदी पार करते हैं. सबसे बुरा हाल स्कूली बच्चों का है. जिन बच्चों का स्कूल नदी पार है, वह समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं. नदी में पानी कम होने का इंतजार करते-करते उनका स्कूल छूट जाता है. कुछ बच्चे जान जोखिम में डाल कर स्कूल आते-जाते हैं. वहीं जल स्तर बढ़ने से एक-दूसरे गांव से भी संपर्क कट जाता है. बीमार लोगों को इलाज कराने के लिए ले जाने में काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कई बार सांसद, मंत्री से नदियों में पुल व पुलिया बनाने की मांग की है, लेकिन आज तक किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. बरसात के दिनों में लोगों की जिंदगी गांवों में कैद हो जाती है. इन नदियों पर नहीं बना है पुल-पुलिया: कारीमांडर की अंबा नदी, कोजाराम की हथवार नदी, लोटा की पथरा नदी, बनियाडीह की हरिनबंधवा नदी, बांझा नदी, हारूल गांव की पिछूलिया नदी, बाचकुम की कोयल नदी, उल्लवार की जमुआ नदी, मसूरियातरी की नीलांजन नदी, फुलवरिया की पथलकुदवा नदी, करीलगड़वा की बड़की नदी, रजवाड़ की सिंदुरिया नदी, बजराही की सुखनाही नदी समेत कई नदियों पर आज तक पुल नहीं बन पाया है. ग्रामीणों ने कहा : कारीमांडर गांव के कालू गंझू ने कहा कि अंबा नदी पर पुल नहीं बनने से आवागमन में काफी परेशानी होती है. बच्चे जान जोखिम में डाल कर नदी पार कर यूपीएस लुकुईया स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र पढ़ने जाते हैं. करीब 30 कार्डधारी नदी पार कर राशन का उठाव करने लुकुईया डीलर के पास जाते हैं. उल्लवार गांव के नागेश्वर गंझू ने कहा कि जमुआ नदी पर पुल नहीं बनने के कारण बरसात के दिनों में अधिक परेशानी होती है. फुलवरिया गांव के रोहित महतो ने कहा कि नदी में पुल बनाने की दिशा कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देते हैं.

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