कुंदा. सरकार निःशुल्क संस्थागत प्रसव को लेकर गांव-गांव में लाखों रुपया खर्च कर प्रचार-प्रसार कर रही है. इसके लिये गांव की सहिया दीदी को गर्भवती महिला की देखभाल व परामर्श देने के लिए रखा है. लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिना पैसा का प्रसव संभव नहीं है. पदस्थापित एएनएम द्वारा प्रसव के दौरान लड़का होने पर दो हजार व लड़की होने पर एक हजार लिया जाता है. ऐसा ही एक मामला प्रखंड के बैरियाचक गांव के बिक्रम भारती की पत्नी सोनिया देवी को केंद्र में प्रसव के बाद पैसा लिया गया है. उनसे एक एएनएम द्वारा 1500 रुपये की मांग की गयी. प्रसूति महिला पैसा नहीं होने की बात कह रही थी, लेकिन एएनएम ने बिना पैसा लिये डिस्चार्ज नहीं करने की बात कही. बाद में उसे 700 रुपया दिया, तब प्रसूति महिला को डिस्चार्ज किया गया. महिला ने बताया कि एएनएम द्वारा कहा जाता है कि निजी अस्पताल में प्रसव कराने पर 30-40 हजार रुपये ले लिये जाते हैं. यहां पर एक हजार-दो हजार देने में दिक्कत होती है. ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र में बिना पैसे का प्रसव नहीं होता है. यहां तक की ममता वाहन चालक भी प्रसव हो जाने पर घर तक छोड़ने पर पैसा की मांग करते हैं. मालूम हो कि कुंदा में महीना में 25-30 महिलाओं का प्रसव होता है.
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