पितरो को मुक्ति दिलाने वाली गो माता सड़कों पर भटक रही हैं : गोपाल मणि जी
हरलाल तालाब स्थित गोशाला में चल रहे धेनुमानस गो कथा के चौथे दिन प्रसिद्ध गो कथा वाचक गोपाल मणि जी ने कहा कि पितरो को मुक्ति दिलाने वाली गो माता सड़कों पर भटक रही है.
चतरा. हरलाल तालाब स्थित गोशाला में चल रहे धेनुमानस गो कथा के चौथे दिन प्रसिद्ध गो कथा वाचक गोपाल मणि जी ने कहा कि पितरो को मुक्ति दिलाने वाली गो माता सड़कों पर भटक रही है. पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोजन व यज्ञ गो माता से ही होती है. अंग्रेजों ने भारत में आकर गंगा को नदी, गो माता को गाय समझा, जिसके कारण भारत में अंग्रेजों की दुर्दशा हुई. उन्हें भारत छोड़ कर जाना पड़ा. आज सत्ता में बैठे लोग भी गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा नहीं दे रहे हैं. भारत की सत्ता नंदी गांव से ही चलती है, जो माता अपने पुत्र को गो माता की दूध पिलाती हैं, उसका पुत्र बुद्धिमान होता है. जो लोग गो धुली को माथा पर लगाते हैं, उसका भाग्य बदल जाता है. कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष विद्यासागर आर्य, सचिव जितेंद्र पाठक, आलोक रंजन, नीतेश कुमार, सुशील सिंह समेत अन्य लगे हुए हैं.
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