चतरा. पत्थलगड्डा प्रखंड के नावाडीह बाजोबार में स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र जर्जर हो गया है. आये दिन छत का प्लास्टर टूट-टूट कर गिरते रहता है. यहां हर माह 14-15 महिलाओं का प्रसव होता है. ऐसे में हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. 24 साल पहले स्वास्थ्य उप केंद्र का निर्माण किया गया था, तब से एक बार भी मरम्मत नहीं हुई. केंद्र के प्रसव कक्ष (लेबर रूम), स्टाफ कक्ष, ओपीडी व अन्य कमरा का प्लास्टर टूट-टूट कर गिर रहा है. खिड़की-दरवाजा भी जर्जर हो चुका है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता रहता है, जिससे मरीजों को दिक्कत होती है. साथ ही कमरा में रखे आवश्यक दवा व दस्तावेज भी भीग कर बर्बाद हो जाते हैं. स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कई बार केंद्र की जर्जर स्थिति की जानकारी दी गयी, लेकिन आज तक इसकी मरम्मत नहीं करायी गयी. एएनएम राखी कुमारी ने बताया कि एक बार महिला को प्रसव के लिए बेड पर सुलाया, उसी वक्त प्लास्टर टूट कर गिरा, लेकिन बाल-बाल बच गयी. इस तरह हमेशा प्लास्टर टूट-टूट कर गिरता रहता है. यहां कार्य करने के दौरान भय बना रहता है. इस केंद्र में नावाडीह, बाजोबार, मारंगा, चौथा, बेलहर, जगरनाथी, डमौल, चंदिया, कांशीबार, भेलवारा, बोगासड़म सहित कई गांव से लोग इलाज कराने आते हैं.
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