इटखोरी के बक्सा डैम का फाटक खोलने से खेतों में रखा धान पानी में डूबा, लाखों का हुआ नुकसान
Jharkhand news, Chatra news : चतरा जिला अंतर्गत इटखोरी स्थित बक्सा डैम का फाटक खोले जाने से धनखेरी एवं परसौनी गांव के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. खेतों में काटकर रखा गया धान का फसल पानी में डूब गया. आनन- फानन में किसानों ने रात- दिन एक कर कुछ धान के फसल को निकाला, लेकिन वह भी पूरी तरह से भींग गया है. किसानों का कहना है कि कुदरत से बचे, तो इधर नुकसान उठाना पड़ा. लगभग 15 एकड़ खेत में काटकर रखा धान पानी से पूरी तरह भींग गया है.
Jharkhand news, Chatra news : इटखोरी (चतरा) : चतरा जिला अंतर्गत इटखोरी स्थित बक्सा डैम का फाटक खोले जाने से धनखेरी एवं परसौनी गांव के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. खेतों में काटकर रखा गया धान का फसल पानी में डूब गया. आनन- फानन में किसानों ने रात- दिन एक कर कुछ धान के फसल को निकाला, लेकिन वह भी पूरी तरह से भींग गया है. किसानों का कहना है कि कुदरत से बचे, तो इधर नुकसान उठाना पड़ा. लगभग 15 एकड़ खेत में काटकर रखा धान पानी से पूरी तरह भींग गया है.
इस संबंध में किसान मुंशी गोप ने कहा कि बिना हमलोगों को जानकारी दिये डैम का फाटक खोल दिया गया है, जिससे खलिहान ले जाने के लिए खेतों में काटकर रखा गया धान पानी में डूब गया. इससे हम किसानों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि खुद का 5 कट्ठा भूमि में रखा धान पानी में भींग गया है. केसीसी ऋण लेकर खेती किये थे. सोचा था कि धान बेचकर लोन चुकता करेंगे, लेकिन अब कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
वहीं, किसान शंभु गोप ने कहा कि खुद का 10 कट्ठा भूमि में रखा धान बर्बाद हो गया है. डैम का पानी अचानक छोड़े जाने से धान के खेतों में प्रवेश कर गया. भगवान से बचे, तो इंसान ने कहर बरपा दिया. दूसरी ओर, किसान विनोद गोप कहते हैं कि 5 कट्ठा खेत में काटकर रखा फसल पानी में डूब गया है. आनन- फानन में किसी तरह कुछ फसल निकाल सके हैं, लेकिन वह भी पूरी तरह भींगा हुआ है. कर्ज लेकर खेती किये थे अब कर्ज लौटाने को सोचना पड़ेगा.
Also Read: डीसी के प्रयास से परिजनों से मिली महाराष्ट्र की मीठा बाई, लॉकडाउन में भटक कर पहुंची थी लातेहार
किसान कमल प्रजापति ने कहा कि खलिहान पहुंचने से पहले ही धान बर्बाद हो गया. खुद का 8 कट्ठा खेत में रखा धान बर्बाद हुआ है. मुंह में आया हुआ आहार छीना गया है. किसान नरेश पासवान एवं गेंदों गोप ने संयुक्त रूप से कहा कि खेतों में डैम के पानी आने से हम किसानों को काफी नुकसान हुआ है. खलिहान पहुंचने से पहले ही धान खेतों में बर्बाद हो गया. बक्सा डैम के कर्मी के लापरवाही के कारण फसल बर्बाद हुआ है.
ग्रामीणों की डिमांड पर डैम से छोड़ा गया पानी : जेई
इस संबंध में जल संसाधन विभाग के जेई ज्योतिष उरांव ने कहा कि ग्रामीणों के डिमांड पर फाटक खोला गया था. नवादा, झांपा समेत कुछ गांव के लोगों ने रबी फसल के पटवन के लिए पानी का डिमांड किया था. इसलिए डैम से पानी छोड़ा गया था. वर्तमान समय रबी फसल का है न कि खेतों में धान काटकर रखने का है. कई गांव से पानी का डिमांड किया जा रहा है. विलेज ब्रांच के गेट का काम लंबित है. लिकेज के कारण पानी खेतों में चला गया.
Posted By : Samir Ranjan.